महू, 27 जनवरी . डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली महू जिले में सोमवार को कांग्रेस ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ रैली करेगी. इस रैली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, सांसद प्रियंका गांधी समेत वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शामिल होंगे.
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया. पोस्ट में उन्होंने लिखा कि हम सभी के प्रेरणास्त्रोत, संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली, डॉ. अंबेडकर नगर (महू), में आपका हार्दिक स्वागत है. यह पावन धरा, जहां बाबा साहब ने अपने जीवन का आरंभ किया, आज एक ऐतिहासिक आंदोलन का केंद्र बन रही है. 27 जनवरी को आपके नेतृत्व और उपस्थिति में कांग्रेस का राष्ट्रव्यापी संकल्प “जय बापू, जय भीम, जय संविधान” अपने निर्णायक पड़ाव पर पहुंच रहा है. यह केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि हमारे लोकतंत्र, संविधान और समानता की रक्षा के लिए एक राष्ट्रीय आंदोलन है.
इस पवित्र भूमि से उठने वाला सामूहिक स्वर देश को यह संदेश देगा कि हम सब संविधान की मर्यादा, लोकतंत्र की रक्षा, और बाबा साहब के आदर्शों के प्रति दृढ़ संकल्पित हैं. आपकी उपस्थिति और योगदान, न केवल कांग्रेस बल्कि पूरे देश के करोड़ों नागरिकों को यह भरोसा दिलाएगी कि संविधान पर खतरे की हर कोशिश का पुरजोर विरोध होगा. आज, जब लोकतंत्र और संविधान के मूल्यों पर बार-बार प्रहार हो रहा है, ऐसे में आपका यहां आना असहमति के सामूहिक स्वर को भी नई मजबूती प्रदान करेगा.
यह कार्यक्रम गृहमंत्री से माफी की मांग के साथ-साथ भाजपा की उन नीतियों के खिलाफ देश की आवाज बनेगा, जो हमारे लोकतांत्रिक ताने-बाने को कमजोर करने का प्रयास कर रही हैं. हम मध्य प्रदेश और बाबा साहब की इस पावन भूमि डॉ. अंबेडकर नगर (महू) पर आपका हृदय से स्वागत करते हैं. आइए, मिलकर बाबा साहब के विचारों को सशक्त करें और एकजुट होकर लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाएं. जय बापू, जय भीम, जय संविधान.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “महात्मा गांधी ने उस विचारधारा के हमले का सामना किया है जिसने जीवन भर उनका घोर विरोध किया और जिसने उनके हत्यारों को प्रेरित किया. आज भाजपा के सांसद यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि उन्हें गांधी को गोडसे के बजाय चुनना चाहिए या नहीं. गोडसे का खुलेआम महिमामंडन किया जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री संसद में डॉ. अंबेडकर का मजाक उड़ाते हैं. यह भारत के संविधान के प्रति आरएसएस के मनुवादी रवैये को दर्शाता है. 1949 से ही आरएसएस ने संविधान का विरोध किया है क्योंकि संविधान मनुवादी आदर्शों के विपरीत है. प्रधानमंत्री संविधान की प्रस्तावना के मूल्यों का उल्लंघन करते हैं, संवैधानिक संस्थाओं को नष्ट करते हैं, और संवैधानिक प्रक्रियाओं और प्रथाओं को नुकसान पहुंचाते हैं. यह देश की लोकतांत्रिक और बहुलवादी परंपराओं के लिए एक तिहरा खतरा है. यही कारण है कि कांग्रेस ने 21 जनवरी 2025 को बेलगावी में अपनी पहली जय बापू, जय भीम, जय संविधान रैली की. महू में सभा के बाद यह अभियान जारी रहेगा.”
–
डीकेएम/केआर