जगदीप धनखड़ का इस्तीफा सुनियोजित राजनीतिक घटनाक्रम का हिस्सा : पप्पू यादव

New Delhi, 22 जुलाई . उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने Monday को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफे की खबर से पूरे देश में चर्चा शुरू हो गई है. सांसद पप्पू यादव ने उनके इस्तीफे पर सवाल उठाए हैं.

समाचार एजेंसी से खास बातचीत में पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व को न संविधान से मतलब है, न लोकतंत्र से और न स्वतंत्रता से. जगदीप धनखड़ जब निष्पक्ष और सच्चाई के रास्ते पर चले तो वे उन्हें रास नहीं आए.

उन्होंने कहा कि धनखड़ का इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से नहीं, बल्कि एक सुनियोजित राजनीतिक घटनाक्रम का हिस्सा है. जब स्वास्थ्य खराब था तब तो इस्तीफा नहीं दिया, सत्र के पहले ही दिन इस्तीफा देना एक संकेत है कि कहीं कुछ बड़ा चल रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि धनखड़ जाट समुदाय से आते हैं और उनकी स्वाभिमानी प्रवृत्ति भाजपा नेतृत्व को मंजूर नहीं थी. आज उनका आत्मसम्मान जाग गया और उन्होंने कहा- लो अपना पद, अब हम सच्चाई के रास्ते चलेंगे.

पप्पू यादव ने दावा किया कि यह इस्तीफा दरअसल भाजपा और आरएसएस के बीच चल रही अंदरूनी खींचतान का परिणाम है. यह दो बड़ी हस्तियों के बीच इगो कलैश है, जिसमें धनखड़ जी बलि का बकरा बन गए.

राज्यसभा में कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि यह मेरे लिए चौंकाने वाली और भारतीय राजनीति के लिए दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है. सत्तारूढ़ दल के नेताओं, खासकर प्रधानमंत्री को चाहिए था कि वे उन्हें मनाने का प्रयास करते.

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ सांसद रामगोपाल यादव ने इस्तीफे को लेकर ज्यादा टिप्पणी करने से बचते हुए कहा कि वे स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे रहे हैं, मैं इसके पीछे की बातों को नहीं जानता.

बता दें कि भारत के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने Monday को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उनका इस्तीफा ऐसे समय में आया है, जब उनके कार्यकाल के अभी दो साल बाकी हैं. अगस्त 2022 में पदभार ग्रहण करने वाले धनखड़ ने Monday को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र भेज दिया, जिसमें उन्होंने अनुच्छेद 67(ए) का जिक्र किया है.

पीएसके