जाफर, बिशप ने रेड्डी के ‘साहसी रवैये’ और ‘माता-पिता के त्याग’ की मार्मिक कहानी’ की प्रशंसा की

नई दिल्ली, 28 दिसंबर . नितीश कुमार रेड्डी ने 105 रनों की शानदार नाबाद पारी खेलकर सभी संदेहों को शांत कर दिया. उन्होंने वाशिंगटन सुंदर के शानदार अर्धशतक के साथ शनिवार को मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट के तीसरे दिन भारत की स्थिति को स्थिर कर दिया.

शुभमन गिल की जगह सुंदर को शामिल किए जाने के बाद कई लोगों ने उनके शामिल किए जाने पर सवाल उठाए, लेकिन रेड्डी की शानदार बल्लेबाजी ने भारत को दिन के अंत तक 358/9 के स्कोर पर पहुंचाया और ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के अंतर को 116 रनों पर कम कर दिया.

21 वर्षीय खिलाड़ी की तारीफ करने वाले कई भारतीयों के अलावा क्रिकेट के दिग्गजों ने भी सोशल मीडिया पर उन्हें टीम में अपनी जगह पक्की करने के लिए बधाई दी.

भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री और वसीम जाफर ने रेड्डी की हिम्मत और दृढ़ संकल्प को श्रेय दिया, जिन्होंने भारत के लिए वापसी की और अपना पहला टेस्ट शतक भी बनाया.

शास्त्री ने एक्स पर लिखा, “यह एक ऐसी पारी है जिसे हर कोई याद रखेगा. 21 वर्षीय खिलाड़ी द्वारा दबाव में इस तरह का चरित्र प्रदर्शित करना सभी की आंखों में आंसू ला देता है. शुद्ध सोना. अच्छा खेला युवा. भगवान भला करे.”

जाफर ने एक्स पर पोस्ट किया, “यह युवा खिलाड़ी लगातार प्रभावित कर रहा है. उसकी कॉम्पैक्ट तकनीक, साहसी रवैया और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस तरह से वह अपने विकेट पर कीमत लगाता है, उसमें एक बेहतरीन टेस्ट बल्लेबाज बनने की प्रभावशाली विशेषताएं हैं. बहुत अच्छा खेला.”

वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज इयान बिशप ने युवा खिलाड़ी को एंकरिंग पारी खेलने का श्रेय दिया और ‘माता-पिता के ‘त्याग’ से जुड़ी एक साधारण पृष्ठभूमि से आने की अपनी व्यक्तिगत कहानी का विशेष उल्लेख किया.

बिशप ने एक्स पर लिखा, “यह 21 वर्षीय नीतीश कुमार रेड्डी का उच्च गुणवत्ता और तकनीकी कौशल का एक टेस्ट शतक है. गेंद को कुशलता से छोड़ा और जरूरत पड़ने पर हमला किया. भारतीय क्रिकेट में माता-पिता के बलिदान की एक और दिल को छू लेने वाली कहानी.”

भारत के अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने भी रेड्डी को लाल गेंद के प्रारूप में अपना पहला तीन अंकों का स्कोर दर्ज करने के लिए बधाई दी.

शमी ने एक्स पर लिखा, “नितीश कुमार रेड्डी को अपना पहला शतक बनाने पर बधाई. यह उल्लेखनीय उपलब्धि कड़ी मेहनत और समर्पण को दर्शाती है. हम आपके करियर में और अधिक सफलताओं को देखने के लिए उत्सुक हैं. हम सभी को प्रेरित करते रहें.”

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज़ के इर्द-गिर्द कई कहानियों के बीच, शायद सबसे दिल को छू लेने वाली कहानी रेड्डी और उनके पिता मुत्याला की रही है, जिन्होंने अपने सपने को साकार होते देखने के लिए पहली पंक्ति में सीट ली.

जब नितीश ने स्कॉट बोलैंड की गेंद को मिड-ऑन के ऊपर से लॉफ्टेड शॉट से दूर किया, तो कैमरे उत्साहित और भावुक मुत्याला की ओर मुड़ गए, जिन्होंने अपने बेटे को उसके सपनों को पूरा करने के लिए सुनिश्चित करने के लिए अपनी सरकारी नौकरी से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले ली थी.

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आरआर/