मुर्शिदाबाद, 26 अप्रैल . पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने शमशेरगंज के जाफराबाद गांव का दौरा किया, जहां 11 अप्रैल को उपद्रवियों ने उत्पात मचाया था, तोड़फोड़ की थी और कई घरों में आग लगा दी थी. उन्होंने प्रभावित हिंदू परिवारों से मुलाकात की और नुकसान का जायजा लिया
शुभेंदु अधिकारी ने शमशेरगंज के जाफराबाद गांव में हरगोविंद दास और चंदन दास के परिजनों से मुलाकात की. उन्होंने 20 लाख 2 हजार रुपए का चेक प्रदान किया और परिवार के तीन सदस्यों की शिक्षा का खर्च उठाने का वादा किया.
उन्होंने कहा, “हमने हरगोविंद दास और चंदन दास के परिवार को 10-10 लाख रुपये के दो चेक दिए हैं, जो उन्होंने स्वीकार किए. हम हिंदू भाई-भाई हैं. जिनके घर और दुकानें क्षतिग्रस्त हुईं, उन्हें भी मुआवजा दिया गया है. मुर्शिदाबाद से कश्मीर तक, जहां हिंदू आबादी 20 प्रतिशत से कम है, वहां हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है. कुछ लोग हिंदुओं को खत्म करना चाहते हैं और इस क्षेत्र को बांग्लादेश से जोड़ने की मांग कर रहे हैं.”
उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की. अधिकारी ने कहा, “मेरी मांग है कि चुनाव आयोग कदम उठाए और पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए. जहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं, वहां उन्हें वोट डालने से रोका जा रहा है. दूसरा, कोर्ट इस मामले में सख्त कार्रवाई करे और इस क्षेत्र में कम से कम छह महीने तक अर्धसैनिक बलों की तैनाती सुनिश्चित करे. हम इस मुद्दे को विधानसभा और अन्य मंचों पर उठाएंगे ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके. मैं लोगों से एकजुट रहने और शांति बनाए रखने की अपील करता हूं.”
वहीं पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा घटना पर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद की घटना बेहद परेशान करने वाली और भयावह थी. जब भी सांप्रदायिक दंगे होते हैं, तो उनका सबसे बुरा असर सबसे पहले महिलाओं और बच्चों पर पड़ता है. मुर्शिदाबाद में भी, स्वाभाविक रूप से इसका असर महिलाओं पर सबसे अधिक पड़ा है.
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एकेएस/