New Delhi, 22 सितंबर . Bollywood Actress जैकलीन फर्नांडिस को 200 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े सुकेश चंद्रशेखर मामले में Supreme court से कोई बड़ी राहत नहीं मिली है. Actress ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उनकी ओर से Enforcement Directorate (ईडी) द्वारा दर्ज की गई First Information Report को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी गई थी.
लेकिन अब Supreme court ने भी उनकी याचिका खारिज करते हुए साफ कर दिया है कि यह मामला ट्रायल कोर्ट में ही तय होगा और वहीं पर वह अपनी बात रख सकती हैं.
जैकलीन की ओर से दलील दी गई थी कि उनके खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, वे पूरी तरह झूठे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें सुकेश चंद्रशेखर के आपराधिक इतिहास की कोई जानकारी नहीं थी और न ही उन्हें पता था कि जो महंगे तोहफे उन्होंने सुकेश से लिए, वे अवैध रूप से कमाई गई रकम से खरीदे गए थे. हालांकि, कोर्ट ने इस वक्त इस मामले में कोई हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है.
सुनवाई के दौरान Supreme court के न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने कहा कि यह आरोप है कि आपको 200 करोड़ रुपए के उपहार मिले, लेकिन कानून की प्रकृति ऐसी है कि कई बार यह तय कर पाना मुश्किल हो जाता है कि जब दो लोग आपस में करीबी होते हैं और उनमें से एक व्यक्ति किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल होता है, तो दूसरे की भूमिका क्या रही; इसे अलग करना आसान नहीं होता. ऐसे मामलों में ट्रायल कोर्ट ही सही मंच होता है, जहां तथ्यों की गहराई से जांच की जा सकती है.
इस पूरे मामले पर जैकलीन फर्नांडिस के वकील प्रशांत पाटिल ने Supreme court के फैसले के बाद प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “हमारा जो मामला है, वह ट्रायल कोर्ट में चार्ज तय करने की बहस के स्तर पर है. हमारा Supreme court आने का उद्देश्य है कि हम चाहते हैं कि ट्रायल कोर्ट हमारे मामले को निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से सुने. इसी कारण हमने Supreme court से अनुरोध किया कि हाईकोर्ट की टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटाया जाए.”
प्रशांत पाटिल ने आगे कहा कि Supreme court ने हमारे पक्ष में यह आदेश दिया है कि ट्रायल कोर्ट स्वतंत्र रूप से चार्ज पर बहस सुने और हाईकोर्ट की टिप्पणियां उसमें कोई बाधा न बनें.
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पीके/एएस