आईयूएमएल ने स्थानीय निकाय चुनावों के बीच एसआईआर पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

मलप्पुरम, 17 नवंबर . इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने केरल में चल रहे मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (एसआईआर) पर तत्काल रोक लगाने की मांग करते हुए Supreme court में याचिका दायर की है. पार्टी का कहना है कि जब राज्य चुनाव आयोग ने स्थानीय निकाय चुनावों की अधिसूचना जारी कर दी है, ऐसे समय में एसआईआर प्रक्रिया समानांतर रूप से चलाना कानूनी और व्यावहारिक तौर पर संभव नहीं है.

आईयूएमएल के अनुसार, 9 और 11 दिसंबर को दो चरणों में होने वाले स्थानीय चुनावों के दौरान एसआईआर जारी रहने से प्रशासनिक टकराव की स्थिति बनेगी, मतदाताओं में भ्रम फैलेगा और फील्ड-लेवल अधिकारियों पर अत्यधिक काम का बोझ बढ़ जाएगा.

याचिका में कहा गया है कि चुनाव प्रक्रिया के बीच राज्यव्यापी मतदाता सूची संशोधन चुनाव परंपराओं के खिलाफ है और इससे मतदान प्रक्रिया की स्थिरता प्रभावित हो सकती है. पार्टी ने तर्क दिया कि चुनाव आयोग द्वारा एसआईआर और राज्य चुनाव आयोग द्वारा स्थानीय निकाय चुनाव दो समानांतर प्रक्रियाएं जमीनी स्तर पर टकराव की स्थिति पैदा करेंगी, विशेषकर बूथ लेवल अधिकारियों के बीच जिन्हें दोनों कार्यों की जिम्मेदारी संभालनी होती है.

याचिका में उस दुखद घटना का भी उल्लेख किया गया है जिसमें कन्नूर में एक बूथ लेवल अधिकारी की मौत हो गई. आरोप लगाया गया कि अत्यधिक कार्यभार और एसआईआर से जुड़ी दबाव की वजह से अधिकारी ने आत्महत्या की, जिसने कर्मचारियों के संगठनों और Political दलों में गंभीर चिंता पैदा कर दी है.

बीते सप्ताह राज्य Government ने एसआईआर को स्थानीय निकाय चुनावों के बाद तक स्थगित करने की मांग केरल हाई कोर्ट में की थी. हालांकि, हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप से इनकार करते हुए राज्य Government को Supreme court जाने की सलाह दी थी क्योंकि इसी तरह के मामले पहले से ही वहां लंबित हैं.

इधर माकपा और कांग्रेस ने भी Supreme court जाने की घोषणा की है, जिससे साफ है कि राज्य में सक्रिय चुनाव प्रक्रिया के दौरान एसआईआर चलाए जाने के खिलाफ एक व्यापक Political सहमति बन रही है. वहीं, भाजपा की राज्य इकाई ने इस मुद्दे से दूरी बनाए रखने का फैसला किया है.

मामला अब Supreme court में तात्कालिक सुनवाई के लिए उठाए जाने की संभावना है.

डीएससी