उत्तर प्रदेश : दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के समर्थन में आया इत्तेहाद उलेमा-ए-हिंद

सहारनपुर , 26 सितंबर . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाद्य पदार्थों में मानव मल/गंदी चीजों की मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इस संबंध में इत्तेहाद उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुफ्ती असद कासमी ने गुरुवार को प्रतिक्रिया दी है.

उन्होंने कहा कि नेम प्लेट का मुद्दा पहले भी चर्चा में रहा है और यह काफी चर्चित विषय रहा है. सुप्रीम कोर्ट इस पर अपना फैसला दे चुका है. फिर भी होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे और भोजनालयों में सीसीटीवी कैमरे होने चाहिए और वे साफ-सुथरे होने चाहिए. खाने-पीने की चीजों में मिलावट करने वालों को तुरंत बंद किया जाना चाहिए. जो लोग लोगों की आस्था को बर्बाद कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए. सरकार को ऐसे होटलों की पहचान करनी चाहिए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. उन्हें तुरंत बंद किया जाना चाहिए. जो लोगों की आस्था को बर्बाद कर रहे हैं. उनके पास नेम प्लेट होनी चाहिए, क्योंकि देश में कुछ लोग ऐसे हैं जो आपस में भाईचारा पसंद नहीं करते हैं. वे नहीं चाहते कि यह देश तरक्की करे. वे चाहते हैं कि हिंदू और मुसलमान आपस में बंटे रहें.

उल्लेखनीय है कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में घटी ऐसी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी होटलों, ढाबों और रेस्टोरेंट्स आदि संबंधित प्रतिष्ठानों की गहन जांच, सत्यापन आदि के भी निर्देश दिए हैं. साथ ही आम जन की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए नियमों में आवश्यकतानुसार संशोधन के भी निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में देश के विभिन्न क्षेत्रों में जूस, दाल और रोटी जैसी खानपान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/गंदी चीजों की मिलावट की घटनाएं देखने को मिली हैं. ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं. ऐसे प्रयास कतई स्वीकार नहीं किए जा सकते हैं. उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस प्रबंध किए जाने आवश्यक हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे ढाबों और रेस्टोरेंट्स आदि खानपान के प्रतिष्ठानों की जांच की जानी जरूरी है. प्रदेशव्यापी सघन अभियान चलाकर इन प्रतिष्ठानों के संचालक सहित वहां कार्यरत सभी कर्मचारियों का सत्यापन किया जाए. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, पुलिस व स्थानीय प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा यह कार्रवाई शीघ्रता से संपन्न कराई जाए.

आरके/जीकेटी