तिरुवनंतपुरम, 29 अप्रैल . केरल माकपा के सचिव एम.वी. गोविंदन ने सोमवार को अपने वरिष्ठ पार्टी सहयोगी और वाम संयोजक ई.पी. जयराजन को क्लीन चिट देते हुए कहा कि भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर को चाय पर बुलाने में कुछ भी गलत नहीं है.
एम.वी. गोविंदन ने बताया कि ई.पी. जयराजन ने जो किया, वह रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के लोकसभा सांसद एन.के. प्रेमचंद्रन द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दोपहर का भोजन करने से बहुत अलग था.
गोविंदन ने कहा, “हां, प्रेमचंद्रन ने जो किया वह गलत था और इसे जयराजन द्वारा जावड़ेकर को चाय पर बुलाने को अलग तरह से देखा जाना चाहिए. दोनों अलग हैं और प्रेमचंद्रन ने जो किया, वह पूरी तरह से गलत था.”
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केरल इकाई ने उस समय हंगामा खड़ा कर दिया था, जब पीएम मोदी ने संसद के अंतिम सत्र में प्रेमचंद्रन सहित कुछ सांसदों को दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया था.
इसके बाद और लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान वामपंथियों ने बार-बार आरोप लगाया कि प्रेमचंद्रन जल्द ही भाजपा में शामिल होंगे.
गोविंदन पिछले साल जयराजन के बेटे के आवास पर जयराजन-जावड़ेकर की हुई चाय पर मुलाकात पर चर्चा के लिए माकपा के नेताओं साथ बैठक के तुरंत बाद मीडिया से बात कर रहे थे.
इस मुद्दे ने राज्य में तूफ़ान ला दिया था, क्योंकि जयराजन ने इसका खुलासा तब किया था, जब राज्य में 26 अप्रैल को मतदान हुआ था.
गोविंदन ने कहा, “बैठक में जयराजन ने बताया कि उनके और जावड़ेकर के बीच क्या बात हुई और हम आश्वस्त हो गए. हमने उनसे कहा कि उन्हें ‘दोस्त’ चुनते समय सावधान रहना चाहिए और उनसे उनके खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को कहा.“
पिछले हफ्ते चीजें बिगड़ गईं, जब एक जाने-माने पावर ब्रोकर और बिचौलिए टी.जी. नंदकुमार ने कहा कि माकपा के एक बहुत बड़े नेता और जावड़ेकर के बीच एक बैठक हुई थी, जब जावड़ेकर ने उनके भाजपा में शामिल होने की इच्छा जताई थी.
एक दिन बाद केरल भाजपा उपाध्यक्ष शोबा सुरेंद्रन ने जयराजन का नाम लिया और दावा किया कि वह भाजपा में उनके प्रवेश पर चर्चा के लिए उनसे तीन बार मिलीं.
इस बीच, सोमवार को पार्टी की बैठक के बाद जयराजन ने मीडिया से कहा कि उनके भाजपा में शामिल होने की सभी अफवाहें निराधार हैं और जावड़ेकर से उनकी मुलाकात की खबर एक साजिश का हिस्सा है.
जयराजन ने कहा, “मीडिया को सावधान रहना चाहिए और निराधार बातें कहने वाले लोगों को जगह नहीं देनी चाहिए. यह कुछ लोगों द्वारा रची गई एक साजिश और धोखाधड़ी थी और मीडिया इसके झांसे में आ गया. लोग अब सब कुछ जान गए हैं.”
अब गोविंदन द्वारा जयराजन को क्लीन चिट दिए जाने से दिग्गज नेता को संयोजक पद से हटाए जाने की अटकलों पर विराम लग गया है.
हालांकि, आलोचक जोसेफ सी. मैथ्यू के अनुसार, “मुझे नहीं लगता कि यह मामला यहीं शांत हां जाएगा, क्योंकि पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व इस पर गौर करेगा.”
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