दूरगामी सोच के साथ किया गया लागू, होटलों पर नाम पता लिखे जाने को लेकर नहीं होनी चाहिए परेशानी : एसपी सिंह बघेल

नई दिल्ली, 26 सितंबर . बसपा अध्यक्ष मायावती ने यूपी में होटलों और ढाबों में नाम-पता लिखे जाने को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है. जिसको लेकर सियासत गर्मा गई है.

केन्द्रीय मत्स्य, पशुपालन, डेयरी एवं पंचायत राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने इस पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि, सीएम योगी आदित्यनाथ ने जो कानून बनाया है, इसके बड़े दूरगामी परिणाम होंगे. जब नाम और नंबर रहेगा, जो उपभोक्ता खाना खा रहे हैं उनको याद रहेगा. असली बात है कि जब किसी को कोई अपराध नहीं करना है तो फिर नेम प्लेट लगाने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. इससे हम क्वालिटी कंट्रोल कर सकते हैं. जहर खुरानी को रोक सकते हैं. और दूसरी बात शाकाहारी-मांसाहारी भोजन का भी हम ख्याल रख सकते हैं. मैं इसका समर्थन करता हूं.

उन्होंने आगे कहा कि, मेरा मानना है कि अच्छी चीजों को हर जगह लागू करना चाहिए. हिमाचल प्रदेश सरकार ने जो पहल की है, उसका मैं स्वागत करता हूं. किसी राज्य की अच्छी योजनाएं हर जगह लागू होना चाहिए. अन्य राज्यों में राष्ट्रहित और जनहित में इसको लागू करने से बड़े पैमाने पर लाभ मिलेगा.

बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ”यूपी सरकार द्वारा होटल, रेस्तरां, ढाबों आदि में मालिक, मैनेजर का नाम, पता के साथ ही सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य करने की घोषणा, कांवड़ यात्रा के दौरान की ऐसी कार्रवाई की तरह ही यह एक बार फिर से चर्चा में है, यह सब खाद्य सुरक्षा हेतु कम व जनता का ध्यान बांटने की चुनावी राजनीति ज्यादा है.”

दरअसल सीएम योगी आदित्यनाथ ने खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट और गंदी चीजों की मिलावट करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई के आदेश दिए हैं. देश के विभिन्न क्षेत्रों में घटी ऐसी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए उन्होंने एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश के सभी होटलों, ढाबों और रेस्टोरेंट आदि संबंधित प्रतिष्ठानों की गहन जांच, सत्यापन आदि के भी आदेश दिए हैं, साथ ही आम जन की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए नियमों में आवश्यकतानुसार संशोधन के ल‍िए भी कहा है. ढाबों और रेस्टोरेंट आदि खानपान के प्रतिष्ठानों की जांच के साथ ही इन प्रतिष्ठानों के संचालकों सहित वहां कार्यरत सभी कर्मचारियों का सत्यापन कराने का आदेश भी द‍िया है.

एकेएस/जीकेटी