बेंगलुरु, 26 जनवरी . शुभमन गिल ने कर्नाटक के ख़िलाफ़ रणजी मैच के दौरान दूसरी पारी में एक बेहतरीन शतक लगाया. हालांकि उनकी यह शतकीय पारी बेक़ार गई और उनकी टीम पंजाब को पारी और 207 रनों से हार का सामना करना पड़ा.
मैच के बाद गिल ने कहा, “लाल गेंद के मैच में कई बार अच्छी शुरूआत करने के बाद मैं ख़ुद पर दबाव ले लेता हूं. मुझे लगता है कि अगर मैं सेट हो गया हूं, तो बड़े रन आने ही चाहिए. इससे कई बार मेरा ध्यान भंग होता है.”
शनिवार को गिल द्वारा खेली गई पारी दो भागों में बंटी रही. पहले भाग में वह कर्नाटक की बेहतरीन स्विंग गेंदबाज़ी के सामने सजग नज़र आए. पहली पारी में इसी पिच पर इसी गेंदबाज़ी के सामने पंजाब सिर्फ़ 55 रन पर ऑलआउट हो गई थी, इसलिए यह सजगता ज़रूरी भी थी.
पहली पारी में गिल ड्राइव करते हुए आउट हुए थे. दूसरी पारी में गिल ध्यान रख रहे थे कि उनके बल्ले और पैड में कम से कम गैप बने. हालांकि यह पूरी तरह से गिल की पारी नहीं थी.
गिल कहते हैं, “पहली पारी के दौरान विकेट काफ़ी नम था. यह उसी विकेट की तरह था, जिस तरह की पिच पर हम न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ खेले थे. इस पिच पर घास भी थोड़ा अधिक था. हालांकि दूसरी पारी में शॉट खेलना थोड़ा आसान हो गया था. पहली पारी में गेंद रूक कर आ रही थी और सीम भी अधिक हो रही थी. दूसरी पारी में गेंद सीम ज़रूर हो रही थी, लेकिन शॉट खेलना थोड़ा आसान हुआ था क्योंकि गेंद अच्छी गति से बल्ले पर आ रही थी.”
“जिस तरह से मैं खेला, यह मेरे लिए एक संतोष देने वाली पारी थी. पहली 130 गेंदों पर मैंने 40 के क़रीब रन बनाए थे. वे अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे थे और उन्हें विकेट से मदद भी मिल रही थी. इसे देखते हुए यह एक संतुष्ट करने वाली पारी थी.”
गिल ने आगे कहा, “आप चाहे किसी भी स्तर पर खेलें, रन बनाना और फ़ॉर्म में आना बहुत महत्वपूर्ण होता है. आप उस ज़ोन में लंबे समय तक रहना चाहते हो. मैं भी वही कोशिश कर रहा था. लंच के बाद मैं अपने शॉट्स खेलना चाहता था और विकेट भी एक तरफ़ से थोड़ा आसान हो रहा था. इसलिए मुझे तब रन भी मिले.”
57 के स्कोर पर गिल को गली में एक जीवनदान भी मिला, लेकिन गिल के मुताबिक वह दूसरे बल्लेबाज़ों के आउट होने से पहले अधिक से अधिक रन बनाना चाहते थे. गिल की इस पारी के दौरान कुछ बेहतरीन पुल, कट और ड्राइव शामिल थे और उन्होंने अगले 50 रन सिर्फ़ 40 गेंदों में बनाए. उनका शतक 159 गेंदों में पूरा हुआ.
हालांकि इसके ठीक बाद गिल लेग स्पिनर श्रेयस गोपाल की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए. गिल को लगा कि उन्हें ग़लत आउट दिया गया है, इसलिए पवेलियन वापस जाते हुए ग़ुस्से और निराशा में उन्होंने अपना बल्ला भी हवा में उछाल दिया.
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