मुंबई, 30 दिसंबर . एनसीपी (शरद चंद गुट) के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद माजिद मेमन ने सोमवार को से बातचीत के दौरान भाजपा नेता नितेश राणे द्वारा केरल को ‘मिनी पाकिस्तान’ बताए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी होती है कि वह संविधान का सम्मान करें. किसी भी विषय पर अपमानजनक टिप्पणी करने से बचें. वह अब तक कई बार विवादित बयान दे चुके हैं. उनके बयानों को किसी भी प्रकार से स्वीकार नहीं किया जा सकता. वह अक्सर इस तरह के बयान देते रहते हैं, इसके बावजूद उन्हें कैबिनेट में शामिल कर लिया गया, यह देवेंद्र फडणवीस की मेहरबानी है.
उन्होंने कहा कि केरल भारत का सबसे शिक्षित राज्य है. ऐसी स्थिति में उस राज्य के बारे में इस तरह की टिप्पणी करना कि वह मिनी पाकिस्तान है, इसलिए गांधी परिवार वहां जीत का परचम लहराने में सफल हुआ. इस तरह के विवादित बयान को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए.
उन्होंने मांग की है कि गृह मंत्रालय को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए कि कैसे कोई मंत्री भारत के किसी भी राज्य को पाकिस्तान जैसा बता सकता है. मैं यही कहूंगा कि या तो मीडिया को इस पर किसी भी प्रकार का विचार विमर्श नहीं करना चाहिए या अगर आप इस पर चर्चा करते हैं, तो केंद्र सरकार को इस पर कार्रवाई जरूर करनी चाहिए. इस तरह के बयान देने वाले शख्स को मंत्री पद पर एक पल भी नहीं रहना चाहिए. लेकिन, अफसोस मुख्यमंत्री जी इस पर कुछ करेंगे नहीं, क्योंकि मंत्री जी उनके दुलारे हैं.
इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली की मौजूदा राजनीतिक स्थिति को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि दिल्ली में मुख्य रूप से आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच मुकाबला है. भाजपा ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश करते हुए आम आदमी पार्टी की बहुत बदनामी कर ली, लेकिन अब भाजपा को भी इस बात का एहसास हो चुका है कि उसे ऐसा करने से कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है. भाजपा ने सोचा कि अगर हम आप के नेताओं को सलाखों के पीछे भेज देंगे, तो ऐसा करने से हम दिल्ली पर कब्जा कर लेंगे, लेकिन ऐसा कुछ होने वाला नहीं है. इस बीच, मैं एक बात यहां पर और जोड़ना चाहूंगा कि मौजूदा समय में जिस तरह से चुनाव में गड़बड़ी हो रही है, मसलन मतदाता सूची में बांग्लादेशी रोहिंग्याओं के नाम शामिल किए जा रहे हैं, इस पर तुरंत चुनाव आयोग को संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए. लेकिन, अफसोस चुनाव आयोग सारी बातों को एक कान से सुनता है और दूसरे कान से निकाल देता है. यह दुख की बात है कि आयोग किसी भी बात को गंभीरता से नहीं लेता है. अगर आज तक उसने किसी भी बात को गंभीरता से लिया होता, तो आज दिल्ली की राजनीति में इस तरह की स्थिति पैदा नहीं हुई होती. लेकिन, इस बात को भी खारिज नहीं किया जा सकता है कि मौजूदा समय में चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी की सरपरस्ती में काम कर रहा है, तो ऐसे में वह आम आदमी पार्टी के आरोपों को नजरअंदाज कर ही देगा.
उन्होंने कांग्रेस को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि दिल्ली की राजनीति में अब कांग्रेस को अपनी खामियों का एहसास हो चुका है. अब वो दिन चले गए, जब दिल्ली में शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस का दबदबा हुआ करता था. दिल्ली में अब कांग्रेस बैकफुट पर है.
इसके अलावा, उन्होंने बीपीएससी अभ्यर्थियों द्वारा किए गए प्रदर्शन को लेकर कहा कि पुलिस ने बेहद ही अमानवीय तरीके से छात्रों को हटाया. इस तरह का रवैया स्वीकार नहीं किया जा सकता है. पुलिस ने जिस तरह छात्रों के ऊपर पानी की बौछार की और लाठीचार्ज किया, वो ठीक नहीं है.
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