दशहरा, दिवाली और काली पूजा पर नहीं, लेकिन केजरीवाल की रिहाई पर पटाखे जलाना सही : प्रवीण शंकर कपूर

नई दिल्ली, 14 सितंबर . दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने की खुशी में ‘आप’ कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में कई जगहों पर लाखों रुपए के पटाखों की आतिशबाजी की, जो कि प्रतिबंधित है. दिल्ली पुलिस ने इसपर कार्रवाई करते हुए उन पर एफआईआर दर्ज की है. इस मामले में दिल्ली भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर ने कहा, किस चीज के उत्सव में पटाखे जलाए गए. सबसे ज्यादा दुखदायी ये है कि जब आप नेताओं से इस बारे में सवाल किया जा रहा है तो वो गोलमोल जवाब दे रहे हैं.

उन्होंने आगे तंज कसते हुए कहा कि हिंदुओं के दशहरा, दिवाली और काली पूजा पर पटाखे नहीं जलाए जा सकते, लेकिन अरविंद केजरीवाल की रिहाई पर पटाखे जलाए जा सकते हैं. प्रदूषण के नाम पर हम हिंदुओं के उत्सव में पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाए हुए हैं, लेकिन अपने घर में वो उत्सव मना रहे हैं.

भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई की है, लेकिन हम चाहते हैं कि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय भी इस मामले को संज्ञान में ले और पता लगाएं कि पटाखों को कौन लाया, कितने का लाया और कहां से लाया?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. कोर्ट के फैसले से आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है. हालांकि ‘आप’ कार्यकर्ताओं का यह उत्साह उन पर तब भारी पड़ गया जब उन्होंने केजरीवाल की रिहाई की खुशी में सिविल लाइन स्थित सीएम आवास के बाहर जमकर आतिशबाजी की.

केजरीवाल की रिहाई की खुमारी में कार्यकर्ताओं ने इस बात की भी परवाह नहीं की कि दिल्ली में पटाखे चलाना प्रतिबंधित है. ऐसे में दिल्ली पुलिस ने आतिशबाजी करने वाले ‘आप’ कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. यह मामला सिविल लाइन थाने में दर्ज किया गया है. इससे पहले दिल्ली भाजपा के नेताओं ने सोशल मीडिया पर ऐसे कार्यकर्ताओं के कई वीडियो शेयर किए थे जो अरविंद केजरीवाल की रिहाई की खुमारी में पटाखे चला रहे थे. दिल्ली पुलिस ने खुद संज्ञान लेते हुए पटाखे जलाने के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.

इन लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 233(बी) के तहत मामला दर्ज किया गया है. जिसमें वायु प्रदूषण के तहत इस मामले को अपराध माना जाता है. इस मामले में शिकायतकर्ता खुद दिल्ली पुलिस के सब-इंस्पेक्टर तरुण कुमार हैं.

एससीएच/जीकेटी