चेन्नई, 18 सितम्बर . भारत एक बुनियादी बदलाव के दौर से गुजर रहा है और इसकी आंशिक वजह जसप्रीत बुमराह हैं. अपनी पहली टेस्ट सीरीज़ से पहले गौतम गंभीर ने बताया कि कैसे उन्होंने अपने क्रिकेट से परे भी प्रभाव डालना शुरू कर दिया है.
“भारत में ऐसा कई बार नहीं हुआ है जब हम गेंदबाज़ के बारे में बात करने लगे हों. मुझे लगता है कि यह हमेशा बल्लेबाज़ों, बल्लेबाज़ों और बल्लेबाजों के बारे में ही रहा है. भारत एक समय बल्लेबाज़ी का दीवाना देश था. और आपको बुमराह, (मोहम्मद) शमी, (मोहम्मद) सिराज, (आर) अश्विन, (रवींद्र) जडेजा को श्रेय देना होगा कि अब वे इसको गेंदबाज़ी के जुनून में बदल रहे हैं और हम गेंदबाज़ों के बारे में बात करने लगे हैं.”
बुमराह ने भले ही केवल 36 टेस्ट खेले हों लेकिन उनके आंकड़े चौंकाने वाले हैं. वह लगभग हर तीन टेस्ट में एक बार पांच विकेट (अब तक 10) लेते हैं और वह भारत की कुछ सबसे प्रसिद्ध जीतों के पीछे प्रेरक शक्ति रहे हैं- जिसमें ओवल 2021, मेलबर्न 2018, विशाखापत्तनम 2024 शामिल हैं.
गंभीर ने कहा, “तीनों प्रारूप में बुमराह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तेज़ गेंदबाज़ हैं और यह सिर्फ़ उनका प्रदर्शन नहीं है, यह उनकी भूख है. सबसे अच्छी बात यह है कि वह जितना संभव हो, उतना टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहते हैं.”
“लाल गेंद की क्रिकेट में वह क्या कर सकते हैं, यह बताने की ज़रूरत नहीं है. मुझे लगता है कि यह वास्तव में सम्मान की बात है कि हमारे पास बुमराह जैसा कोई व्यक्ति है, जो हमारे लिए खेल रहा है और ड्रेसिंग रूम में बैठा है. उनकी वजह से हम खेल के किसी भी चरण में बदलाव ला सकते हैं. तो हां, उम्मीद है कि हम इस सीरीज़ में भी ऐसा ही कर सकते हैं और आगे भी ऐसा करेंगे.”
गंभीर एक बहुत ही सफल टेस्ट टीम की कमान संभाल रहे हैं और भले ही वह वास्तव में किसी भी स्तर पर कोच नहीं रहे हैं, उनका मानना है कि 12 साल के सभी प्रारूप के शुरुआती बल्लेबाज़ के रूप में उन्होंने भारत के खिलाड़ियों के साथ जो रिश्ते बनाए हैं, वे उन्हें सहज बनाएंगे. उन्होंने भारत के लिए मैच जीतने के अलावा अपने लिए कोई दायित्व निर्धारित नहीं किया है.
“मेरा हमेशा से मानना रहा है कि सबसे अच्छी शैली वह शैली है, जो जिताती है. हम एक ऐसी टीम बनना चाहते हैं जो किसी एक शैली को अपनाने की बजाय ख़ुद को ढाल लेती है और ज़ल्दी से सीख लेती है. क्योंकि अगर आप एक ही शैली अपनाने लगेंगे तो सुधार नहीं होगा. हम चाहते हैं कि लोग स्थिति, परिस्थिति को देखकर खेलें और फिर हर दिन आगे बढ़ते रहें. और अंत में यही सब मायने रखता है. आप जानते हैं, यह सब एक निश्चित शैली को नाम देना और केवल एक ही तरीके़ से खेलना, सब अंततः परिणामों के बारे में है. जैसा कि मैंने अभी बताया, सबसे अच्छी शैली वह शैली है जो जिताती है.”
यह देखते हुए कि यह घरेलू सत्र है और बांग्लादेश के ख़िलाफ़ बुधवार को टेस्ट मैच चेन्नई में खेला जाएगा, ऐसे में काफ़ी हद तक फ़ोकस स्पिनरों पर होगा. गंभीर ने बताया कि वह उन्हें कैसे चुनेंगे.
उन्होंने कहा, “जाहिर है, सबसे पहले यह है कि वे पहले दिन और पांचवें दिन क्या प्रभाव डाल सकते हैं. भारत बहुत भाग्यशाली रहा है कि हमें अश्विन और जडेजा जैसे लोग मिले हैं. उन्होंने मिलकर वास्तव में अच्छी गेंदबाज़ी की है और हम जानते हैं कि वे पहले दिन कैसे योगदान दे सकते हैं. क्योंकि टेस्ट क्रिकेट के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपके पास रक्षात्मक गेंदबाज़ी करने की क्षमता होनी चाहिए, साथ ही आपके पास आक्रामक गेंदबाज़ी करने की भी क्षमता होनी चाहिए. इसलिए मुझे लगता है कि हमारे पास एक ऐसा आक्रमण होगा जो 20 विकेट ले सकता है और वे दो लोग निश्चित रूप से भारतीय परिस्थितियों में बहुत प्रभाव पैदा करेंगे.”
भारत ने बांग्लादेश से कभी कोई टेस्ट नहीं हारा है, लेकिन गंभीर इस बात को लेकर सतर्क हैं कि गुरुवार को चेन्नई में होने वाले मैच की तैयारी पर इसका असर न पड़े.
उन्होंने कहा, “आप विपक्ष को देखकर अपनी तीव्रता नहीं बदलते. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का मतलब है, क्या आपके अंदर हर सत्र, हर घंटे, हर गेंद के लिए वह भूख है? क्योंकि, अंततः, जब आप अपने देश के लिए खेल रहे हैं और जब अन्य 15 खिलाड़ी अपने देश के लिए खेल रहे हैं, तो वे अच्छे होंगे और कोई भी किसी को हरा सकता है. इसलिए, यदि आप ऐसा सोचते हैं, ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड को देखकर अपनी तीव्रता बदल रहे हैं, तो मुझे लगता है कोई भी उच्च-गुणवत्ता वाली टीम ऐसा नहीं करती है और ऐसा नहीं किया जाना चाहिए. एक चैंपियन टीम वह होती है जो अपने मानक खुद निर्धारित करती है.”
“बांग्लादेश के पास वास्तव में कुछ गुणवत्ता वाले क्रिकेटर हैं. शाकिब के पास अनुभव है. मुशफ़िकुर को अनुभव है. आपके पास बहुत अच्छा गेंदबाजी आक्रमण भी है. मेहदी भी वहीं हैं. इसलिए हम जानते हैं कि बांग्लादेश में प्रतिभा है, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें पहली गेंद से ही सक्रिय रहना होगा और उस ड्रेसिंग रूम में हमें सभी से यही अपेक्षाएं हैं.”
गंभीर उस टैलेंट पूल से बहुत खुश हैं जिसके साथ उन्हें काम करना है. उन्होंने कहा, “सबसे अच्छी बात यह है कि पिछले सात-आठ दिनों से मेरे पहले श्रीलंका दौरे से मैंने एक बात देखी है कि उस ड्रेसिंग रूम में बैठे सभी खिलाड़ियों को भारत के लिए खेलना कितना पसंद है. हम हमेशा कहते हैं कि खिलाड़ियों को आईपीएल खेलना पसंद है. लेकिन, इसमें ज्यादा सच्चाई नहीं है. आख़िरकार, जब आप अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं तो इससे बढ़कर कुछ नहीं है.”
लेकिन प्रारूपों के बीच स्विच करना उनके लिए एक चुनौती पैदा करता है, ख़ासकर टेस्ट क्रिकेट में. घरेलू मैदान पर लगातार 17 सीरीज़ जीतने के बावजूद भारत इससे अछूता नहीं रहा है कि जब बड़ा स्कोर बनाने की बात आती है तो उनके बल्लेबाज़ थोड़ी सुस्ती से गुजर रहे हैं.
गंभीर ने कहा, “इस बल्लेबाज़ी लाइन-अप में इतनी गुणवत्ता है कि हम किसी भी प्रतिद्वंद्वी, किसी भी गेंदबाज़ी लाइन-अप, किसी भी स्पिन आक्रमण को किसी भी परिस्थिति में खेल सकते हैं. क्या होता है कि हम अक्सर टी20 और वनडे क्रिकेट को देखकर (स्पिन खेलने की क्षमता) आकलन करते हैं, इसमें ज़मीन-आसमान का अंतर है. वनडे क्रिकेट में आपको बचाव के लिए अधिक समय नहीं मिलता. टेस्ट क्रिकेट में, आपके पास बचाव करने और गेंदबाज़ को अपनी ताक़त बनाने का समय होता है. लेकिन, इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर आप टेस्ट क्रिकेट में अच्छा खेलना चाहते हैं तो आपका डिफ़ेंस कितना मज़बूत है.”
“हमने टी20 प्रारूप में इतने अच्छे विकेटों पर खेला है कि कभी-कभी ऐसा लगता है कि आपको इतने सारे शॉट विकसित करने होंगे. लेकिन बुनियाद आपकी सुरक्षा है. जब हमने शुरुआत की थी तो किसी भी युवा को बचाव करना सिखाया जाता था. यदि आपका डिफ़ेंस मज़बूत है, तो आप उस डिफ़ेंस पर सब कुछ विकसित कर सकते हैं. लेकिन, अगर आप सोचते हैं कि आपके पास हर तरह के शॉट्स हैं और आप एक अच्छे टेस्ट क्रिकेटर बनना चाहते हैं, तो इसकी कोई गारंटी नहीं है.”
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आरआर/