मुंबई, 18 नवंबर . महाराष्ट्र में राजनीतिक दलों के नेता चुनाव प्रचार में जुटे हैं. महा विकास अघाड़ी और महायुति दोनों अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को बड़ा बयान दिया है.
राहुल गांधी का कहना है कि महंगाई, गरीबों को न्याय, बेरोजगारी, महिलाएं और किसानों की समस्याएं 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुख्य मुद्दे साबित होंगी.
राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बुधवार को मतदाताओं के मन में जनता की समस्याएं और उनके टूटे हुए सपने हावी रहेंगे.
कांग्रेस नेता ने बताया कि किस तरह महाराष्ट्र की संपत्ति और संसाधनों को दूसरे राज्यों में ले जाया जा रहा है, जिससे मराठी युवाओं को नौकरियां नहीं मिल पा रही हैं और प्रदेश की प्रगति बाधित हो रही है.
राज्य और केंद्रीय स्तर के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ उन्होंने कुल सात लाख करोड़ रुपये की लागत वाली कई बड़ी परियोजनाओं को सूचीबद्ध किया, जिन्हें महाराष्ट्र से बाहर अन्य प्रदेशों में स्थानांतरित कर दिया गया और पिछले कुछ वर्षों में यहां युवाओं की पांच लाख से अधिक नौकरियां भी चली गईं. उन्होंने कंपनियों का नाम लेते हुए कहा कि योजनाबद्ध निवेश से इस राज्य के बेरोजगार युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हो सकते थे.
राहुल गांधी ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के घोषणापत्र को दोहराया. जिसमें गरीबों, महिलाओं, किसानों, युवाओं और बीमार लोगों की मदद के लिए समाज के सभी वर्गों के लिए ढेर सारी खुशियां देने का वादा किया गया था.
इसके अलावा कांग्रेस नेता ने कहा कि तेलंगाना और कर्नाटक की तरह हम महाराष्ट्र में भी जाति आधारित जनगणना कराएंगे. यह देश के सामने एक बड़ा चिंता का विषय है और हमारी रणनीति का मुख्य स्तंभ है. कम से कम 50 प्रतिशत आबादी की सरकारी या निजी क्षेत्र में कोई भागीदारी नहीं है. हमें यह जानने की जरूरत है.
राहुल गांधी ने आश्वासन दिया कि महा विकास अघाड़ी महाराष्ट्र के लिए 25 लाख रुपये की स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करेगी. यह योजना लोगों की मेडिकल जरूरतों का ख्याल रखेगी.
इन पहलों के वित्तपोषण के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमने इन योजनाओं के लिए सभी वित्तीय गणनाएं कर ली हैं. इन्हें तत्काल लागू करने में निश्चित रूप से कोई समस्या नहीं होगी.
राहुल गांधी ने संकल्प लिया कि एमवीए सरकार सत्ता में आने के बाद महाराष्ट्र और मुंबई के लोगों के हितों के लिए समर्पण के साथ काम करेगी.
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