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तेल अवीव, 28 अक्टूबर . इजरायल के नेसेट रिसर्च एंड इंफॉर्मेशन सेंटर की एक नई रिपोर्ट सैनिकों के टूटते हौसलों की कहानी कहती है. रिपोर्ट बताती है कि जनवरी 2024 और जुलाई 2025 के बीच, इजरायल डिफेंस फोर्सेज के 279 सैनिकों ने अपनी जान देने की कोशिश की.
द टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार दूर-वामपंथी हदाश-ताल के सांसद ओफर कैसिफ के अनुरोध पर तैयार की गई इस रिपोर्ट में ये भी पाया गया कि आत्महत्या से पहले हर सैनिक ने कम से कम सात बार अपनी जान लेने की कोशिश की. इजरायली संसद को नेसेट कहते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में इजरायल में हुई सभी आत्महत्याओं में से 78 फीसदी कॉम्बैट सैनिकों की थीं – यह पिछले सालों की तुलना में एक बड़ी बढ़ोतरी है, जब 2017 से 2022 तक यह दर 42 फीसदी और 45 फीसदी के बीच थी. यह बढ़ोतरी आंशिक रूप से हमास के 7 अक्टूबर, 2023 के हमले के बाद रिजर्विस्ट सैनिकों (अंशकालिक सेवा देने वाले नागरिक) की लामबंदी में हुई बढ़ोतरी से जुड़ी हो सकती है, जिससे युद्ध के दौरान हजारों सैनिक फिर से एक्टिव सर्विस में वापस आ गए थे.
ज्यादातर डेटा आईडीएफ मेडिकल कोर के मेंटल हेल्थ सेंटर और नेसेट की अलग-अलग कमेटियों में हुई चर्चाओं से हासिल किया गया.
रिपोर्ट में यह साफ किया गया है कि ये आंकड़े सिर्फ उन सैनिकों के बारे में हैं जो अपनी मौत या कोशिश के समय सर्विस में थे – चाहे वे रेगुलर सर्विस में हों या रिजर्व सर्विस में – और इसमें सेवानिवृत सैनिक शामिल नहीं हैं जिन्होंने सेना छोड़ने के बाद अपनी जान ली.
15 सितंबर 2025, को इजरायल की लेबर एंड वेलफेयर कमेटी ने आत्महत्या रोकने और इलाज के उपाय को लेकर चर्चा की थी. शुरुआत में, कमेटी की चेयरपर्सन एमके मिशाल वोलडिगर (रिलीजियस जायोनिज्म) ने कहा, “जब से युद्ध शुरू हुआ है तब से हमें आम लोगों और आईडीएफ सदस्यों की ओर से मदद की अपील की जा रही है. हमें दिख रहा है कि लोग परेशान हैं और आत्महत्या के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देख रहे हैं.”
इसी कमेटी में आईडीएफ प्रतिनिधियों की ओर से डेटा पेश किया गया, जिसके अनुसार 2024 में 24 सर्विस मेंबर्स—सैनिक, एक्टिव रिजर्विस्ट, या करियर पर्सनल – ने आत्महत्या की थी.
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केआर/