इजरायली सेना ने पश्चिमी तट पर 6 फिलिस्तीनियों को मार गिराया

रामल्लाह, 6 सितम्बर . इजरायली बलों ने पश्चिमी तट के शहर तुबास में छह फिलिस्तीनियों को मार गिराया. इसकी जानकारी फिलिस्तीनी चिकित्सा और सुरक्षा विभाग ने दी.

फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि टुबास में उनके वाहन को निशाना बनाकर किए गए इजरायली हवाई हमले में पांच फिलिस्तीनी मारे गए. टुबास उत्तर-पश्चिमी वेस्ट बैंक में स्थित है.

फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट सोसाइटी ने बताया कि टुबास के दक्षिण में फारा शिविर में इजरायली सेना ने छठे व्यक्ति को गोली मार दी. समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, पीड़ित तक पहुंचने में सेना को घंटों लग गए.

इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने कहा कि उसने गुरुवार की सुबह फारा कैंप में ड्रोन हमला किया और टुबास में तीन और हमले किए. आईडीएफ ने कहा कि इन हमलों का लक्ष्य फिलिस्तीनी बंदूकधारी थे जो छापे के दौरान सैनिकों पर गोलीबारी कर रहे थे और विस्फोटक फेंक रहे थे.

तुबास के गवर्नर अहमद अल-असद ने शिन्हुआ को बताया कि इजरायली छापों से फारा शिविर में बुनियादी ढांचे और सेवाओं को व्यापक क्षति पहुंची है.

जेनिन में इजरायली सेना ने लगातार नौवें दिन भी अभियान जारी रखा. मेयर निदाल ओबेदी ने कहा कि जारी हमलों ने स्थानीय बुनियादी ढांचे को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया है, जिसकी पूरी सीमा का अभी आकलन किया जाना बाकी है.

फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 28 अगस्त से पश्चिमी तट पर इजरायली सैन्य अभियानों के परिणामस्वरूप 39 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और 145 घायल हुए हैं. मंत्रालय ने कहा कि अक्टूबर 2023 में गाजा संघर्ष शुरू होने के बाद से पश्चिमी तट पर 691 फिलिस्तीनी मारे गए हैं.

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को तड़के इजरायली सेना शहर के बुनियादी ढांचे को हुए भारी नुकसान के बीच तुलकारेम और उसके शरणार्थी शिविर से वापस चली गई.

इजरायल द्वारा गाजा पट्टी पर किए जा रहे हमले के कारण पश्चिमी तट पर तनाव चरम पर है. पिछले वर्ष 7 अक्टूबर से अब तक 40,800 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं.

हमलों में तेजी की एक और वजह 19 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के ‘ऐतिहासिक राय’ भी है, जिसमें इजरायल द्वारा फिलिस्तीनी भूमि पर दशकों से किए जा रहे कब्जे को गैरकानूनी घोषित किया गया था. अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने पश्चिमी तट तथा पूर्वी यरुशलम में सभी बस्तियों को खाली करने की मांग भी रखी थी.

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आरके/केआर