नई दिल्ली, 26 फरवरी . भारत में इजरायल के राजदूत ने बुधवार को उन खबरों पर चिंता व्यक्त की, जिनमें इस महीने की शुरुआत में हमास नेताओं की पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकियों के साथ बैठक करने की बात कही गई थी.
रिपोर्ट के मुताबिक हमास नेताओं ने जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादियों के साथ बैठक की.
राजदूत रियुवेन अजार ने के साथ विशेष बातचीत में कहा, “दुर्भाग्यवश, आतंकवादी संगठन नेटवर्क के रूप में काम करते हैं और कई बार वे एक-दूसरे को समर्थन देने के तरीके ढूंढ लेते हैं, जो न केवल हमारे क्षेत्र के लिए, बल्कि कई देशों के लिए नुकसानदायक होता है.”
अजार ने कहा, “उदाहरण के लिए, कुछ हफ्ते पहले ही कश्मीर में पाकिस्तान के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में हमास के नेताओं की एक बैठक हुई थी, जो यह बताती है कि किस तरह ये आतंकवादी संगठन एक-दूसरे को प्रेरित कर रहे हैं… जाहिर है, वे अपने लक्ष्य – [हमें और आपको आतंकित करना] – को हासिल करने के लिए सहयोग कर रहे हैं. इस पर हमें ध्यान देना होगा.”
हमास कमांडर खालिद अल-कद्दौमी और अन्य पाकिस्तानी आतंकवादियों को पीओके में एक रैली के दौरान देखे जाने के बाद कई नेताओं ने क्षेत्र में अशांति को बढ़ावा देने के लिए आतंकवादी संगठनों के साथ पाकिस्तान की भागीदारी पर चिंता जाहिर की.
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के प्रवक्ता विनोद बंसल ने दावा किया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई इस ‘आतंकवादी गठबंधन’ में अहम भूमिका निभा रही है.
फिलिस्तीनी ग्रुप हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमला करके 251 बंधकों को पकड़ लिया और लगभग 1,200 लोगों को मार डाला था जिसके बाद इजरायल ने हमास के नियंत्रण वाली गाजा पट्टी पर हमले शुरू कर दिए. इजरायल के हमले में हजारों फिलिस्तीनी मारे गए. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इजरायल के हमलों से गाजा की लगभग दो-तिहाई इमारतें क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गईं.
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