कैनबरा, 11 अगस्त . ऑस्ट्रेलिया की ओर से फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की संभावित योजना पर इजरायल ने कड़ी आपत्ति जताई है. ऑस्ट्रेलिया में इजरायली राजदूत अमीर मैमून ने एक बयान में कहा कि यह फैसला शांति की दिशा में उठाया गया सही कदम नहीं है, बल्कि इससे इजरायल की सुरक्षा कमजोर होगी और अमन का उद्देश्य पीछे छूट जाएगा.
राजदूत मैमून ने कहा, “शांति आतंकवाद खत्म करने से आती है, उसे इनाम देकर नहीं.” उन्होंने आरोप लगाया कि जब हमास हिंसा, अपहरण और शांति प्रस्तावों को नकार रहा है, ऐसे में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देना गलत संदेश देगा. इससे इजरायल की सुरक्षा को नुकसान होगा, बंधकों को छुड़ाने की बातचीत पटरी से उतर सकती है, और हिंसा का समर्थन करने वाले ताकतवर हो सकते हैं.
राजदूत ने ऑस्ट्रेलियाई Prime Minister एंथनी अल्बानीज के पहले दिए गए बयानों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पिछले महीने Prime Minister अल्बानीज ने स्पष्ट किया था कि फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने से पहले कुछ शर्तें पूरी होनी चाहिए, जैसे हिंसा का त्याग, बंधकों की रिहाई और जवाबदेह शासन की स्थापना. लेकिन, अब ऑस्ट्रेलिया इन शर्तों को नजरअंदाज कर केवल प्रतीकात्मक रूप से मान्यता देने की ओर बढ़ रहा है.
उन्होंने कहा कि यह कदम जमीन पर कोई बदलाव नहीं लाएगा. “शांति सिर्फ घोषणा करने से नहीं मिलती; इसके लिए आतंक और हिंसा को पूरी तरह छोड़ना ज़रूरी है. आतंक को Political साधन के रूप में इस्तेमाल करने वालों को इनाम देना खतरनाक संदेश देता है कि हिंसा से Political लाभ मिल सकता है.
उन्होंने आरोप लगाया कि ऑस्ट्रेलिया का यह कदम हमास की स्थिति को मजबूत करता है और उन लोगों के हितों को नुकसान पहुंचाता है जो शांति और स्थायित्व के लिए काम कर रहे हैं.
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के Prime Minister एंथनी अल्बानीज ने ऐलान किया है कि उनका देश सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीनी राज्य को औपचारिक मान्यता देगा. इजरायल को इसी पर आपत्ति है.
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एसएचके/केआर