सीरिया और लेबनान से राजनयिक संबंधों के लिए तैयार, गोलान हाइट्स नहीं छोड़ेंगे : इजरायल

यरुशलम, 30 जून . इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने सोमवार को कहा कि उनका देश सीरिया और लेबनान के साथ आधिकारिक राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए इच्छुक है, लेकिन किसी भी संभावित शांति समझौते के तहत गोलान हाइट्स से पीछे हटने का कोई इरादा नहीं है.

इजरायल का सीरिया और लेबनान के साथ आधिकारिक रूप से कोई राजनयिक संबंध नहीं है और 1948 में इजरायल की स्थापना के बाद से इन तीनों देशों के बीच शत्रुता की स्थिति बनी हुई है.

यरुशलम में ऑस्ट्रिया की विदेश मंत्री बीएटे मीनल-राइसिंगर के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिदोन सार ने कहा, “इजरायल अब्राहम समझौते और शांति व सामान्यीकरण के दायरे को बढ़ाना चाहता है. हमारा उद्देश्य है कि हमारे पड़ोसी सीरिया और लेबनान जैसे देशों को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया जाए, लेकिन इजरायल की सुरक्षा और मूलभूत हितों की रक्षा करते हुए.”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी शांति समझौते के अंतर्गत, गोलान हाइट्स इजरायल का हिस्सा बना रहेगा.

इजरायल ने 1967 के मध्य पूर्व युद्ध के दौरान सीरिया से गोलान हाइट्स पर कब्जा कर लिया था और बाद में इसे अपने देश में विलय कर लिया था. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय समुदाय का अधिकांश हिस्सा इस विलय को मान्यता नहीं देता.

दिसंबर 2024 की शुरुआत में, सीरिया में बशर अल-असद शासन के पतन के बाद, इजरायली बलों ने संयुक्त राष्ट्र-निगरानी वाले नियंत्रण-मुक्त क्षेत्र में प्रवेश किया और बाद में माउंट हर्मन पर तैनाती की, जो सीरिया और इजरायल दोनों क्षेत्रों पर दृष्टि रखता है.

अधिकारियों का कहना है कि ये सैनिक लंबे समय तक तैनात रह सकते हैं.

27 नवंबर 2024 से इजरायल और हिजबुल्ला के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्थता से हुआ युद्धविराम अब भी लागू है. यह युद्धविराम गाज़ा संघर्ष के चलते एक साल से चल रही सीमा-पार झड़पों को समाप्त करने के लिए किया गया था.

हालांकि, इजरायली सेना अभी भी लेबनान में समय-समय पर हवाई हमले कर रही है, जिनके पीछे हिजबुल्ला के खतरों को समाप्त करने की आवश्यकता बताई जाती है.

इससे पहले शनिवार को एक भाषण में हिजबुल्ला महासचिव सैयद नैम कासिम ने कहा, “हमने संघर्षविराम के सभी नियमों का पूरी तरह पालन किया है, लेकिन इजरायल अपनी प्रतिबद्धताओं को निभा नहीं रहा. दक्षिण लेबनान में इजरायली उल्लंघन अस्वीकार्य हैं और इसका जवाब जरूर दिया जाएगा.”

उन्होंने यह भी दोहराया कि हिजबुल्ला इजरायली कार्रवाइयों का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार है और किसी भी बाहरी दबाव या धमकी से डरने वाला नहीं है.

डीएससी/एबीएम