यरुशलम, 27 अप्रैल . इजरायल की सेना ने रविवार को कहा कि उसने यमन से मृत सागर की ओर दागी गई एक बैलिस्टिक मिसाइल को सुबह-सुबह इजरायली क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले ही रोक दिया.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक पुलिस ने कहा कि मृत सागर क्षेत्र और अरावा क्षेत्र में सायरन बजाया गया. देश की मैगन डेविड एडोम रेसक्यू सर्विस ने कहा कि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
अक्टूबर 2023 में गाजा संघर्ष शुरू होने के बाद से, ईरान समर्थित हूती विद्रोही फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इजरायल पर मिसाइलें और ड्रोन दाग रहे हैं.
इज़राइल के चैनल 12 ने बताया कि अप्रैल की शुरुआत से लेकर अब तक हूती विद्रोहियों की तरफ से इजरायल की ओर दागी गई यह 11वीं मिसाइल थी.
इससे पहले यमन के हूती विद्रोहियों ने 23 अप्रैल को को इजरायल के शहरों हाइफा और तेल अवीव में ‘महत्वपूर्ण लक्ष्यों’ पर मिसाइल और ड्रोन हमले करने का दावा किया था.
इस अटैक के कारण कथित तौर पर दिन में पूरे उत्तर-पश्चिमी इजरायल में सायरन बजने लगे.
हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने अल-मसीरा टीवी पर प्रसारित एक बयान में कहा, “एक अहम टारगेट को निशाना बनाने के लिए हमने हाइफा पर एक हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल दागी.”
बता दें अल-मसीरा टीवी को हूती ग्रुप संचालित करता है.
सरिया ने कहा, “हाइपरसोनिक मिसाइल ने हाइफा में लक्ष्य को भेद दिया, क्योंकि दुश्मन (इजरायली) रक्षा प्रणालियां इसे रोकने में नाकाम रहीं.”
सरिया ने बताया कि एक अन्य सैन्य अभियान में तेल अवीव में एक ‘महत्वपूर्ण लक्ष्य’ के खिलाफ बम से लैस ड्रोन का इस्तेमाल किया गया.
हूती सैन्य प्रवक्ता ने कहा, “हम अपना सैन्य अभियान तब तक जारी रखेंगे जब तक कि फिलिस्तीनी गाजा पट्टी पर इजरायली हमला बंद नहीं हो जाता और उस पर से नाकाबंदी नहीं हटा ली जाती.”
इस बीच हूती ग्रुप पर अमेरिकी हमले भी जारी है. हूती समूह का कहना है कि मार्च के मध्य से अब तक अमेरिका ने यमन पर करीब 1200 हवाई हमले किए हैं. इन हमलों में सैकड़ों आम लोगों की जान गई है और वहां के ज़रूरी ढांचे जैसे इमारतें, सड़कें और सेवाएं बुरी तरह से तबाह हो गई हैं.
एक प्रेस बयान में हूती समूह के विदेश मामलों के अधिकारी ने आरोप लगाया कि अमेरिका के इन हमलों में अंतर्राष्ट्रीय कानून और मानवाधिकार नियमों की गंभीर अनदेखी की गई है. उन्होंने कहा कि इन हमलों में रिहायशी इलाकों, बंदरगाहों, अस्पतालों, पानी की टंकियों और ऐतिहासिक धरोहरों जैसी कई आम लोगों से जुड़ी जगहों को निशाना बनाकर तबाह कर दिया गया.
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