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New Delhi, 21 नवंबर . उत्तर प्रदेश की Police ने फरीदाबाद मॉड्यूल और राइसिन आतंकी षड्यंत्र का भंडाफोड़ किया. दक्षिण India में आईएसआई राइसिन केमिकल अटैक प्लान कर रहा था. इससे Pakistan भी बेनकाब हुआ है.
फरीदाबाद मॉड्यूल और राइसिन टेरर प्लॉट का पर्दाफाश होने से एक बात तो साफ हो गई है कि Pakistan India के अंदर किस तरह से गहराई तक घुसपैठ करने की कोशिशों में जुटा हुआ है.
बता दें, दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास ब्लास्ट करने वाले फरीदाबाद मॉड्यूल ने करीब 3,000 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट जमा कर लिया था. इससे साफ जाहिर है कि India में तबाही मचाने के लिए कितने बड़े स्तर पर हमलों की प्लानिंग की जा रही थी.
वहीं, दूसरी ओर दक्षिण India में भी एक खतरनाक आतंकी साजिश रची जा रही थी. Gujarat एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (एटीएस) ने हैदराबाद के रहने वाले 35 साल के अहमद मोहियुद्दीन सैयद को राइसिन आतंकी हमले की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया.
Police ने खुलासा किया है कि फरीदाबाद मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा है. वहीं राइसिन की साजिश इस्लामिक स्टेट खोरासान प्रोविंस (आई ) की बनाई योजना का हिस्सा है.
ये दोनों आतंकी समूह आईएसआई के इशारे पर काम करते हैं. इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारियों ने कहा कि अगर दोनों मामलों की गहराई से जांच की जाए, तो यह साफ है कि आईएसआई सिर्फ उत्तर India में ही नहीं, बल्कि दक्षिण में भी तबाही मचाने की योजना बना रहा है.
अधिकारियों ने कहा कि Pakistan का गेम प्लान फॉल्ट लाइन का फायदा उठाना है. Pakistan उत्तर India में विक्टिम कार्ड और दक्षिण में भाषा कार्ड खेलकर India में विभाजन की स्थिति पैदा करने की साजिश रच रहा है. आई ने साउथ को नॉर्थ से अलग करने के इरादे से एक राइसिन टेरर अटैक करने का प्लान बनाया था.
अधिकारियों ने बताया कि दोनों प्लान बड़े थे. अगर उनकी साजिश कामयाब हो जाती, तो इसका नतीजा हमारी सोच से भी परे हो सकता था. फरीदाबाद केस में, पूरे नॉर्थ इंडिया में ब्लास्ट करने का प्लान था.
काउंटर-टेररिज्म अधिकारियों ने कहा कि इससे भी ज्यादा खतरनाक राइसिन प्लान होता, जिसे साउथ इंडिया को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा था. Gujarat एटीएस की जांच में पता चला कि खदीजा ने सैयद और उसके साथियों को ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारने का निर्देश दिया था.
सैयद ने 10 किलोग्राम अरंडी के बीज खरीदे. उसने तेल निकालने के लिए कोल्ड-प्रेस मशीन का इस्तेमाल किया. उसने जांच करने वालों को बताया और फिर उसे एसीटोन के साथ मिलाया. उसके बाद उसने राइसिन जहर को एक ड्रम में स्टोर कर लिया.
सैयद और उसका हैंडलर कई महीनों से इस ऑपरेशन की प्लानिंग कर रहे थे. India में मुसलमानों पर तथाकथित ज़ुल्म के बारे में बात करने के साथ-साथ, उन्होंने भाषा के झगड़े पर भी चर्चा की. यह एक वजह हो सकती है कि सैयद के प्लान में साउथ इंडिया को शेष India से अलग करना शामिल था.
मामले में अब इस बात की जा रही है कि क्या सैयद ने पानी की जगहों, खासकर पीने के पानी में जहर मिलाने का प्लान बनाया था. यह बहुत असरदार है, और अगर इसे पी लिया जाए, तो इंसान को या तो लंबी बीमारी हो सकती है या मल्टीपल ऑर्गन फेलियर से उसकी मौत हो सकती है.
एक्सपर्ट्स ने कहा कि जानलेवा डोज से मौत 36 से 72 घंटों के अंदर हो सकती है. इससे भी खतरनाक बात यह है कि इसका कोई खास एंटीडोट नहीं है, और इससे प्रभावित इंसान को सपोर्टिव मेडिकल केयर की जरूरत होगी. वहीं इससे बचने की उम्मीद भी काफी कम होगी.
यह लंबे समय से आई के प्लान का हिस्सा रहा है, और इंटेलिजेंस एजेंसियों ने बार-बार चेतावनी दी है कि ऐसे ग्रुप इंडिया में बायोटेरर लॉन्च करने की कोशिश करेंगे.
इन्वेस्टिगेटर Pakistan लिंक की भी गहराई से जांच कर रहे हैं. रिसिन टेरर मॉड्यूल और फरीदाबाद मॉड्यूल जैसे बड़े प्लॉट, इतने बड़े पैमाने पर प्लान किए गए ऑपरेशन नहीं हो सकते थे, अगर उन्हें Pakistan से इंस्टीट्यूशनल सपोर्ट न मिला होता.
एक अधिकारी ने कहा कि यह साफ़ है कि Pakistan ने उत्तर और दक्षिण India के लिए दो अलग-अलग टेरर मॉड्यूल तैनात किए थे और वे इतने बड़े पैमाने पर हमले करना चाहते थे कि पूरा देश डर जाए.
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केके/एएस