आईएसए की ‘सनराइज’ पहल : सौर अपशिष्ट को हरित ऊर्जा में बदलने का वैश्विक मिशन

New Delhi, 28 अक्टूबर . इंटरनेशनल सोलर अलायंस (आईएसए) अब सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है. India मंडपम में हुई आईएसए की आठवीं सभा के दौरान इसके डायरेक्टर-जनरल आशीष खन्ना ने घोषणा की कि आईएसए अब ‘सनराइज (सोलर रीसाइक्लिंग नेटवर्क फॉर रीसाइक्लिंग इंनोवेशन एंड एंगेजमेंट )’ नाम की एक नई वैश्विक पहल शुरू करने जा रहा है.

इसका उद्देश्य सौर पैनल और बैटरी वेस्ट को रीसाइकिल करने के लिए दुनिया भर के देशों को एक साथ लाना है.

आशीष खन्ना ने बताया कि अब आईएसए ‘एंबिशन टू एक्शन’ यानी सिर्फ सपने देखने से आगे बढ़कर असली काम करने के दौर में है. 125 सदस्य देशों को जोड़ने वाले इस संगठन का मकसद है साफ-सुथरी ऊर्जा की दिशा में एक साझा मिशन चलाना.

उन्होंने कहा कि अब Governmentों के नेतृत्व वाले कार्यक्रमों से लेकर निवेश को बढ़ावा देने वाली योजनाएं जैसे ग्लोबल सोलर फैसिलिटी और सोलर पंप प्रोजेक्ट्स को भी तेज किया जाएगा.

सनराइज पहल का मकसद सौर पैनलों और बैटरियों के कचरे को सही तरीके से रीसाइकिल करने के लिए वैश्विक मानक बनाना है. खन्ना ने कहा कि अगर हम रीसाइक्लिंग के बिजनेस को सही दिशा में ले जाएं, तो हम ऊर्जा और स्थिरता की कई बड़ी चुनौतियों का हल निकाल सकते हैं. अभी तक दुनिया में सौर और बैटरी वेस्ट के लिए कोई एक समान नियम नहीं है. सनराइज इस दिशा में पहला बड़ा कदम होगा, जिसमें 90 प्रतिशत तक खनिजों को दोबारा इस्तेमाल में लाने का लक्ष्य रखा गया है. इससे न केवल पर्यावरण को फायदा होगा, बल्कि ग्रीन नौकरियां भी पैदा होंगी.

आईएसए की दूसरी बड़ी योजना है ‘सिलिकॉन वैली फॉर सोलर’, जहां सौर ऊर्जा से जुड़ी नई तकनीक और ट्रेनिंग पर काम होगा. इसका मकसद है कि दुनिया का हर व्यक्ति सौर ऊर्जा से जुड़ी जानकारी और प्रशिक्षण तक पहुंच पाए. इसके अलावा, आईएसए एक वैश्विक सौर रुझान रिपोर्ट, सौर नवाचार पर एक शोध पत्रिका और एक हाइड्रोजन-सौर पुस्तिका भी पेश करेगा. खन्ना ने कहा कि इसका उद्देश्य ‘सौर कम्पास’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से दुनिया के युवाओं को सौर ऊर्जा अनुसंधान और नवाचार में शामिल करना है.

खन्ना ने नाइजीरिया को उन देशों का एक प्रमुख उदाहरण बताया, जहां सौर ऊर्जा जीवन बदल सकती है. उन्होंने कहा कि नाइजीरिया में लगभग 9 करोड़ लोग ऊर्जा से वंचित हैं. निजी क्षेत्र 100 से 10,000 प्रतिष्ठानों तक विस्तार कर रहा है, लेकिन इसके लिए और अधिक वित्तपोषण की आवश्यकता है. हम इस तरह के बदलावों का समर्थन करने के लिए 15 करोड़ डॉलर की एक सुविधा प्रदान कर रहे हैं.

खन्ना ने कहा कि आईएसए सबके लिए खुला है. हमारे पास 125 सदस्य देश हैं और हम चाहते हैं कि आने वाले दशक में सभी 190 संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश इसका हिस्सा बनें. उन्होंने बताया कि सनराइज पहल सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि रोजगार, पर्यावरण और सर्कुलर इकॉनमी की दिशा में दुनिया को आगे बढ़ाने का एक बड़ा कदम है.

पीआईएस/एबीएम