आईएस से जुड़े एडीएफ ने पूर्वी कांगो में 23 नागरिकों की हत्या की, दर्जनों का किया अपहरण : संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र, 1 मार्च . लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो (डीआरसी) में इस्लामिक स्टेट (आईएस) से संबंधित एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेज (एडीएफ) के हमलों में कम से कम 23 नागरिक मारे गए हैं. संयुक्त राष्ट्र के मानवीय संगठनों ने यह जानकारी दी.

संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने स्थानीय प्राधिकारियों का हवाला देते हुए कहा, मंगलवार और बुधवार को इतुरी प्रांत के कई गांवों में घातक घटनाएं घटीं.

ओसीएचए ने कहा, “हमले के दौरान दर्जनों लोगों का अपहरण कर लिया गया, जबकि अन्य ग्रामीण बचने के लिए पास के इलाकों में भाग गए.”

बुधवार को उत्तरी किवु प्रांत के बेनी क्षेत्र में भी एडीएफ के हमले की खबर मिली, जिसमें 17 नागरिक मारे गए.

एडीएफ, सेंट्रल अफ्रीका में इस्लामिक स्टेट का एक सहयोगी, पूर्वी डीआरसी के जंगलों में सक्रिय युगांडा का एक विद्रोही समूह है. इस पर पूर्वी डीआरसी के गांवों में तबाही मचाने का आरोप है.

कार्यालय ने कहा कि दक्षिण किवु प्रांत में असुरक्षा एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बनी हुई है, जिसमें प्रांतीय राजधानी बुकावु भी शामिल है. स्थानीय चिकित्सा सूत्रों के अनुसार गुरुवार को बुकावु शहर के केन्द्र में एम23 रैली के दौरान हुए विस्फोटों में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई तथा दर्जनों लोग घायल हो गए.

मानवीय कार्यकर्ताओं ने कहा, “दक्षिण किवु में स्थानीय अधिकारियों का यह भी अनुमान है कि बुकावु के दक्षिण-पूर्व में झड़पों के कारण फरवरी की शुरुआत से अब तक 1,25,000 से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं. इनमें से ज़्यादातर लोगों ने स्कूलों, चर्चों और फुटबॉल के मैदानों में शरण ली है.”

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के मुख्य प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) में हमारे सहयोगियों ने हमें बताया है कि संघर्ष की वजह से देश से भागने वाले कांगो नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है.”

दुजारिक के मुताबिक, “केवल दो सप्ताह में 60,000 पुरुष, महिलाएं और बच्चे डीआरसी से भागकर बुरुंडी आ गए हैं, जिनमें से कुछ लोग सुरक्षा की तलाश में सैकड़ों किलोमीटर पैदल चले.”

दुजारिक ने बताया कि यूएनएचसीआर और साझेदार सहायता बढ़ा रहे हैं, टेंट, भोजन वितरण और पानी की व्यवस्था कर रहे हैं. राहत सामग्री जैसे सोने की सामग्री, बाल्टी और साबुन भी वितरित किए जा रहे हैं.

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