ईरान: धू-धू कर जल रहा यूनेस्को की सूची में शामिल जंगल, तेहरान ने मांगी मदद

तेहरान, 22 नवंबर . विश्व धरोहर लिस्ट में शामिल ईरान का हिरकैनियन जंगल धू धू कर जल रहा है. आग पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तेहरान ने विदेशी मदद की अपील की. तुर्की के बाद बेलारूस ने भी मदद का हाथ बढ़ाया है.

जंगल देश के उत्तरी हिस्से में मौजूद है. ये कैस्पियन सागर के ईरानी तट से लगे लगभग 1,000 किलोमीटर तक और पड़ोसी अजरबैजान तक फैले हुए हैं.

यूनेस्को ने 2019 में इन जंगलों को विश्व धरोहर के तौर पर मान्यता दी थी. ये 2.5 से 5 करोड़ साल पुराना जंगल जैव-विविधता के लिए पहचाना जाता है. ये 3,200 से ज्यादा पौधों की प्रजातियों का घर है.

ईरान की आधिकारिक न्यूज एजेंसी आईआरएनए की रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर की शुरुआत में इस इलाके में आग लगी थी, जिसे शुरू में बुझा दिया गया था, लेकिन 15 नवंबर को यह फिर से भड़क गई. ईरान की उपPresident और पर्यावरण विभाग की अध्यक्ष शिना अंसारी ने कहा कि चालौस जंगल की आग को कंट्रोल करने के लिए रूस से भी मदद मांगी जाएगी.

2 नवंबर 2025 को चालूस स्थित इलिट क्षेत्र के ऊबड़-खाबड़ इलाकों में भड़की थी. शुरुआत में इसे नियंत्रित कर लिया गया था, लेकिन 15 नवंबर को यह फिर से भड़क उठी. सूखी वनस्पति, तेज हवाएं और 60 वर्षों में सबसे गंभीर सूखा इसकी वजह बने. आग के कारण पहाड़ी इलाकों में पहुंचना मुश्किल हो रहा है.

ईरानी प्रेसिडेंट मसूद पेज़ेशकियन के डिप्टी मोहम्मद जफर घाएम्पनाह ने Friday को एक्स पर लिखा कि “आग पर काबू पाना नामुमकिन होने की वजह से,” ईरान ने “मित्र देशों से तुरंत मदद मांगी थी.”

दुनिया के सबसे पुराने टेम्परेट वर्षावनों में से एक है. आग ने माजंदरान प्रांत के इलिट में भारी तबाही मचाई है, जहां सूखे मौसम और मानवीय लापरवाही ने स्थिति को और जटिल बना दिया है. ईरानी अधिकारियों ने 21 नवंबर 2025 को मित्र देशों से तत्काल मदद की अपील की, जिसके जवाब में तुर्की ने सहायता भेजने की पुष्टि की है.

केआर/