नई दिल्ली, 26 फरवरी . ईरानी नौसेना का एक प्रशिक्षण बेड़ा भारत पंहुचा है. ईरानी नौसेना के इस प्रशिक्षण बेड़े में ईरान के दो युद्धपोत शामिल हैं. ये युद्धपोत मुंबई की सद्भावना और प्रशिक्षण यात्रा पर हैं. ईरान के इन दो युद्धपोतों के नाम आईआरआईएस बौशहर और आईआरआईएस लावन हैं. करीब 220 अधिकारी व नौसैनिकों के साथ आए ये जहाज हिंद महासागर में प्रशिक्षण मिशन पर हैं.
ईरानी नौसेना के युद्धपोत 28 फरवरी तक मुंबई की सद्भावना और प्रशिक्षण यात्रा पर रहेंगे. मुंबई पहुंचने पर बैंड की उपस्थिति में भारतीय नौसेना ने ईरानी जहाजों का गर्मजोशी से स्वागत किया.
नौसेना का कहना है कि ईरानी नौसेना के इन युद्धपोतों की तैनाती का नेतृत्व मिशन कमांडर के रूप में कैप्टन मोहम्मद साबेरी ने किया है. वहीं, सीनियर कैप्टन सैयद अली मदनी ने लावन की कमान संभाली है और कमांडर हमीद बहरामियन ने आईआरआईएस बौशहर की कमान संभाली है.
मुंबई पहुंचने पर ईरानी नौसेना के मिशन कमांडर और दोनों जहाजों के कमांडिंग ऑफिसरों ने पश्चिमी नौसेना कमान मुख्यालय में चीफ स्टाफ ऑफिसर (ऑपरेशंस) रियर एडमिरल विद्याधर हरके से मुलाकात की.
इस दौरान दोनों देशों के अधिकारियों ने संबंधित नौसेनाओं के आपसी हितों और प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के मुद्दों पर चर्चा की. ईरान और भारत ने नौसेना-से-नौसेना संपर्क को मजबूत करने के लिए कई गतिविधियों की योजना बनाई है. इनमें अधिकारी कैडेटों के लिए नौसेना डॉकयार्ड में खेल और प्रशिक्षण यात्राएं भी शामिल हैं.
गौरतलब है कि भारतीय नौसेना के जहाज भी लंबी दूरी की तैनाती के अंतर्गत हिंद महासागर क्षेत्र से जुड़े विभिन्न देशों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हैं. मित्र देशों की इन यात्राओं का उद्देश्य दो देशों के बीच रक्षा सहयोग को बेहतर बनाना, प्रशिक्षण और सैन्य मुद्दों से जुड़े संवाद कायम करना है.
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