ईरानी सेना का दो दिवसीय अभ्यास, युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने पर जोर

तेहरान, 20 जनवरी . ईरानी थल सेना ने रविवार को उत्तरपूर्वी खुरासान रजावी प्रांत में दो दिवसीय सैन्य अभ्यास शुरू किया. यह जानकारी सोमवार को सेना के जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई.

इस अभ्यास का उद्देश्य सैनिकों की युद्ध क्षमताओं को बढ़ाना और ईरानी सशस्त्र बलों के नए हथियारों और उपकरणों का प्रदर्शन करना है.

सेना की प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक अभ्यास का पहला चरण तोरबात-ए-जाम काउंटी में रविवार रात को शुरू हुआ. इसमें तोपखाने, बख्तरबंद वाहन, ड्रोन, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और मिसाइल यूनिट्स शामिल थीं.

इसमें कहा गया कि ‘आक्रामक-सुरक्षा’ अभ्यास के पहले चरण में, जमीनी सेना की स्पेशल रैपिड रिएक्शन यूनिट ने देश में प्रवेश करने से पहले दुश्मनों को पकड़ने का अभ्यास किया. इसके आलवा ड्रोन, मिसाइलों, बमों, हेलीकॉप्टरों और बख्तरबंद वाहनों के साथ विशेष अभियान चलाए.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी सशस्त्र बलों ने पिछले कुछ दिनों में कई अभ्यास किए हैं.

सेना की संभावित खतरों के खिलाफ अपनी सैन्य तैयारियों को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए आने वाले हफ्तों में और अधिक अभ्यास करने की योजना है.

इस महीने की शुरुआत में, ईरान के सशस्त्र बलों ने मध्य इस्फहान प्रांत में नतांज यूरेनियम संवर्धन केंद्र के पास बड़े पैमाने पर संयुक्त वायु रक्षा अभ्यास किया.

आईआरआईबी टीवी के मुताबिक खतम अल-अनबिया एयर डिफेंस बेस कमांडर कादर रहीमजादेह के आदेश पर साल के पहले हफ्ते में ‘इक्तेदार’ (पावर) 1403 अभ्यास शुरू किया गया.

आईआरआईबी के अनुसार, पहले चरण में इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) की एयरोस्पेस फोर्स इकाइयों ने ‘कठिन इलेक्ट्रॉनिक युद्ध स्थितियों के तहत कई हवाई खतरों के खिलाफ परमाणु स्थल की चौतरफा रक्षा’ का अभ्यास किया.

आईआरजीसी के प्रवक्ता अली-मोहम्मद नैनी ने कहा कि वार्षिक अभ्यास का उद्देश्य सैन्य तैयारियों को बनाए रखना और सुधारना, संभावित सैन्य खतरों और तोड़फोड़ की गतिविधियों का मुकाबला करना और राष्ट्रीय मनोबल को बढ़ावा देना है.

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