तेहरान, 9 अगस्त . ईरान के विदेश मंत्रालय ने Saturday को अपने पड़ोसी देशों अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच हुए शांति समझौते का स्वागत किया, साथ ही साझा सीमाओं के नजदीक किसी भी तरह के विदेशी हस्तक्षेप को लेकर चिंता जताई.
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि आर्मेनिया और अजरबैजान के नेताओं ने Friday को वाशिंगटन स्थित व्हाइट हाउस में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो दशकों पुराने सीमा विवाद का अंत है. ईरान ने दक्षिण काकेशस क्षेत्र में हो रही प्रक्रियाओं और घटनाक्रमों पर करीबी नजर रखने और दोनों देशों से संपर्क बनाए रखने की बात कही.
बयान में कहा गया, “इसमें कोई संदेह नहीं कि दक्षिण काकेशस क्षेत्र में शांति और स्थिरता सभी क्षेत्रीय देशों के हित में है. इस्लामी गणराज्य ईरान, दोनों देशों द्वारा शांति समझौते को अंतिम रूप देने का स्वागत करता है और इसे क्षेत्र में स्थायी शांति सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानता है.”
साथ ही ईरान ने चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार का विदेशी हस्तक्षेप, विशेष रूप से साझा सीमाओं के पास, स्थायी क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को नुकसान पहुंचा सकता है.
ईरान ने यह भी कहा कि वह अजरबैजान और आर्मेनिया के साथ आपसी हितों के आधार पर “रचनात्मक” सहयोग जारी रखने के लिए तैयार है, ताकि द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग के माध्यम से शांति, स्थिरता और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाया जा सके.
आर्मेनिया और अजरबैजान 1988 से नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र को लेकर आमने-सामने हैं. 1994 में संघर्षविराम के बाद से समय-समय पर झड़पें होती रही हैं.
इससे पहले Saturday को अजरबैजान और आर्मेनिया ने दशकों पुराने संघर्ष और भारी जनहानि के बाद ऐतिहासिक संयुक्त शांति घोषणा पर हस्ताक्षर किए. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वाशिंगटन में दक्षिण काकेशस क्षेत्र के दोनों नेताओं की मेजबानी की.
व्हाइट हाउस के अनुसार, अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव और आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिनियन ने अमेरिका के साथ द्विपक्षीय आर्थिक समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए, जिससे व्यापार, पारगमन, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दक्षिण काकेशस की अपार संभावनाओं को खोलने के साथ ही अमेरिकी जनता और व्यवसायों के लिए नए अवसर पैदा होंगे.
प्रधानमंत्री पशिनियन ने सोशल मीडिया पर कहा कि यह शांति समझौता दक्षिण काकेशस क्षेत्र में शांति, समृद्धि और विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा.
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डीएससी/