‘क्रूर’ पश्चिमी प्रतिबंधों का मुकाबला करने के लिए रूस के साथ मजबूत रिश्ते जरूरी: ईरान

तेहरान, 1 अक्टूबर . ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने पश्चिम के ‘क्रूर’ प्रतिबंधों का मुकाबला करने के लिए रूस के साथ द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने पर जोर दिया. सोमवार को उनके कार्यालय की वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान के मुताबिक, पेजेशकियन ने तेहरान में रूसी प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्टिन के साथ बैठक में यह टिप्पणी की.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि ईरान और रूस के बीच राजनयिक प्रतिनिधिमंडलों के आदान-प्रदान से द्विपक्षीय बातचीत और संबंधों को बढ़ाने में मदद मिलेगी.

रूसी प्रधानमंत्री ने ईरान के साथ ऊर्जा, उद्योग, परिवहन, कृषि, स्वास्थ्य और संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की मॉस्को की इच्छा व्यक्त की.

मिशुस्टिन ने , पिछले कुछ महीनों में द्विपक्षीय ट्रेड एक्सचेंज में ‘बहुत अच्छी’ वृद्धि की सराहना की.

रूसी पीएम ने ईरानी राष्ट्रपति को रूस में आगामी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने और ‘मास्को-तेहरान व्यापक रणनीतिक समझौते’ पर हस्ताक्षर करने के लिए आमंत्रित किया.

प्रथम उप राष्ट्रपति मोहम्मद-रजा अरेफ ने भी रूसी पीएम से मुलाकात की.

अरेफ ने मॉस्को के साथ रिश्तों को मजबूत करने के लिए ईरानी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने गाजा और लेबनान में इजरायल द्वारा हाल ही में की गई कार्रवाइयों की निंदा की और अंतरराष्ट्रीय मंचों, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस की रचनात्मक भूमिका की तारीफ की.

अरेफ ने महत्वपूर्ण क्षेत्रीय मुद्दों, जैसे कि जांगेजुर कॉरिडोर और उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर पर मजबूत संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने चेतावनी दी कि क्षेत्रीय भूराजनीति में कोई भी बदलाव बाहरी तत्वों को तनाव पैदा करने का मौका देगा.

ईरान और रूस के बीच वर्तमान व्यापार 2.5 बिलियन डॉलर तक पहुंचने के साथ, अरेफ ने इस आंकड़े के बढ़ने की उम्मीद जताई. उन्होंने दोहराया कि ब्रिक्स, शंघाई सहयोग संगठन और यूरेशियन संघ जैसे क्षेत्रीय तंत्रों को मजबूत करना दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा.

मिशुस्टिन और अरेफ एक व्यापक सहयोग समझौते को अंतिम रूप देने की आवश्यकता पर सहमत हुए, जिसके बारे में उनका मानना ​​है कि यह भविष्य के सहयोग के लिए आधारशिला का काम कर सकता है.

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