चंडीगढ़, 10 अक्टूबर . Haryana कैडर के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ा हुआ है. आत्महत्या को लेकर दलित समुदाय के लोग आक्रोशित हैं और उन्होंने इस मामले में आरोपियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में चंडीगढ़ जाम करने की चेतावनी दी है.
मृतक अधिकारी की पत्नी अमनीत पी. कुमार ने भी सुसाइड नोट में नामित वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. वहीं, बाहरी राज्यों के दलित नेताओं की 31 सदस्यीय कमेटी के सदस्य रवि कुंडली ने चेतावनी दी है कि यदि Government ने आरोपियों पर एक्शन नहीं लिया, तो चंडीगढ़ को जाम कर दिया जाएगा.
उन्होंने कहा, “हमने तमाम दलित संगठनों की एक 31 सदस्य कमेटी बनाई है. इस कमेटी की कल चंडीगढ़ में बैठक बुलाई गई है, जिसमें आगे के आंदोलन का रूप तय होगा. कल सुबह 10:30 बजे तक यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो इसकी जिम्मेदारी Government की होगी. चंडीगढ़ समेत पूरे देश में बहुजन समाज के लोग इकट्ठा होंगे.”
यह बयान आईपीएस कुमार की मौत के तीन दिन बाद आया, जब उनकी बेटी ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ स्थित उनके आवास पर उनका शव पाया. कुमार ने सिर में गोली मारकर आत्महत्या की थी.
पूरन कुमार, जो एडीजीपी रैंक के अधिकारी थे, ने 8-9 पेज के सुसाइड नोट में Haryana डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजरनिया सहित कई आईएएस-आईपीएस अधिकारियों का नाम लिया. नोट में उन्होंने उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया.
उनकी पत्नी अमनीत, जो Haryana कैडर की आईएएस अधिकारी हैं, जापान में आधिकारिक यात्रा पर थीं. लौटने पर उन्होंने 8 अक्टूबर को चंडीगढ़ Police में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और एससी-एसटी एक्ट के तहत First Information Report की मांग की. उन्होंने Chief Minister नायब सिंह सैनी से मुलाकात कर नामित अधिकारियों की गिरफ्तारी और निलंबन की अपील की.
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने भी मामले का संज्ञान लिया है और 7 दिनों में एक्शन रिपोर्ट मांगी है.
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एससीएच