New Delhi, 28 जून . केंद्र Government ने पंजाब कैडर के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी पराग जैन को रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का नया प्रमुख नियुक्त किया है. वह रवि सिन्हा की जगह लेंगे, जिनका मौजूदा कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है.
जैन 1 जुलाई 2025 को दो साल के निश्चित कार्यकाल के लिए पदभार ग्रहण करेंगे. पराग जैन सिन्हा के बाद दूसरे नंबर पर थे. उन्होंने आतंकवाद निरोधक विशेषज्ञ माना जाता है और उन्हें खास तौर पर अफगानिस्तान-Pakistan क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल है. अफगानिस्तान-Pakistan क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने वाले आतंकवाद निरोधी विशेषज्ञ के रूप में उनकी विशेषज्ञता, विशेष रूप से सीमा पार आतंकी नेटवर्क को डिकोड करने में, आने वाले वर्षों में रॉ की स्थिति को आकार देने की उम्मीद है.
जैन की नियुक्ति India के कुछ सबसे संवेदनशील सुरक्षा परिदृश्यों में सामने आई है. वह वर्तमान में एविएशन रिसर्च सेंटर का नेतृत्व कर रहे हैं. जैन को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान खुफिया प्रयासों को आगे बढ़ाने का श्रेय दिया जाता है. इस मिशन के तहत भारतीय सेना ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद Pakistan और पीओके में 9 आंतकी ठिकानों पर लक्षित हमले किए और उनको तबाह किया था.
बता दें रिसर्च एंड एनालिसिस विंग India की विदेशी खुफिया एजेंसी है. 1968 से पहले, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ही देश के अंदर और बाहर, दोनों तरह की खुफिया जानकारी जुटाने का काम करता था. लेकिन, 1962 के भारत-चीन युद्ध और 1965 के भारत-Pakistan युद्ध के बाद और सटीकता से विदेशी खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए एक अलग एजेंसी की जरूरत महसूस की गई. इसी जरूरत को पूरा करने के लिए ‘रॉ’ का गठन किया गया.
रॉ India की राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा असर डालने वाले पड़ोसी देशों के घटनाक्रमों पर नजर रखती है. India के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए गुप्त अभियान चलाना भी इसके मुख्य कार्यों में शामिल है. ऐसे ही India के लिए खतरा पैदा करने वाले आतंकी तत्वों को निष्क्रिय करना भी रॉ के कार्यों में शामिल है. रॉ दूसरे देशों में सक्रिय उन समूहों की जानकारी इकट्ठा करती है जो India की सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरा हैं, और उन्हें निष्क्रिय करने का भी कार्य करती है.
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