आईओसी ने बहाल की साझेदारी, आईओए ने किया फैसले का स्वागत

New Delhi, 3 सितंबर . भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के ओलंपिक सॉलिडेरिटी प्रोग्राम्स के जरिए अपनी साझेदारी को पूरी तरह बहाल करने के फैसले का स्वागत किया.

आईओए ने कहा, “यह उपलब्धि हाल के महीनों में भारतीय खेलों में हासिल किए गए महत्वपूर्ण सुधारों और प्रगति को दर्शाती है.”

आईओसी ने आईओए अध्यक्ष को संबोधित पत्र में आईओए और Government of India की ओर से खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और जमीनी स्तर से लेकर एलीट स्तर तक खिलाड़ियों को सपोर्ट करने के लिए उठाए गए सकारात्मक कदमों की सराहना की.

आईओसी ने दो अहम विकासों पर प्रकाश डाला है. रघुराम अय्यर की आईओए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में औपचारिक नियुक्ति और Government of India की ओर से राष्ट्रीय खेल शासन अधिनियम को अपनाना, दोनों ही कदम देश में खेलों की मजबूत नींव बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं.

ओलंपिक सॉलिडेरिटी कार्यक्रमों की पुनर्बहाली के साथ, भारत के एथलीट सबसे बड़े लाभार्थी होंगे. इस सहयोग से खिलाड़ियों को प्रशिक्षण, तैयारी और ओलंपिक खेलों और अन्य बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भागीदारी के लिए वित्तीय सहायता और विकास के अवसर मिलेंगे.

आईओए प्रमुख पी.टी. उषा ने इस घोषणा को भारतीय खेलों के लिए ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा, “यह आईओए और Government of India की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो नए और परिवर्तनकारी खेल कानून के तहत खेलों में सर्वोच्च शासन मानकों को बनाए रखने के लिए है. हम मिलकर भारत के खिलाड़ियों के लिए एक मजबूत और आशाजनक भविष्य गढ़ रहे हैं.”

उन्होंने कहा, “आईओसी के साथ यह नई साझेदारी हमारे एथलीट्स को उनकी ओलंपिक आकांक्षाओं को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. हम अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) को उनके निरंतर विश्वास, समर्थन और मार्गदर्शन के लिए तहे दिल से धन्यवाद देते हैं.”

इससे पहले, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओसी) के अंदरूनी कलह के चलते चुनावों में बाधा पड़ने के कारण, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने भारतीय संस्था को किए जाने वाले सभी भुगतान रोक दिए थे.

आरएसजी