मुंबई, 1 नवंबर . संवत 2080 भारतीय शेयर बाजार के लिए काफी शानदार रहा. इस दौरान निवेशकों की संपत्ति 128 लाख करोड़ रुपये (1.5 ट्रिलियन डॉलर) बढ़कर 453 लाख करोड़ रुपये हो गई है.
संपत्ति में बढ़त के हिसाब से संवत 2080 अब तक का सबसे अच्छा वर्ष रहा है. इसकी वजह स्थिर सरकार, मजबूत अर्थव्यवस्था और घरेलू निवेशकों की ओर से 4.7 लाख करोड़ रुपये का निवेश करना है.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर निवेशकों की संख्या बढ़कर 20 करोड़ हो गई है. संवत 2080 में 336 कंपनियां सूचीबद्ध हुई हैं, जिसमें से 248 कंपनियां एसएमई सेगमेंट से थी.
इंडस्ट्री डेटा के मुताबिक, करीब 100 कंपनियों के आईपीओ 50 प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ लिस्ट हुए हैं और वहीं, 163 से ज्यादा आईपीओ इश्यू प्राइस से ऊपर कारोबार कर रहे हैं.
संवत 2080 में सोने और चांदी की कीमतों में भी तगड़ा उछाल देखने को मिला है. इस दौरान सोने ने करीब 32 प्रतिशत और चांदी ने करीब 39 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. कीमतीं धातुओं में तेजी की वजह वैश्विक उठापटक, अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव और ब्याज दर नीति में बदलाव को माना जा रहा है.
म्यूचुअल फंड सेक्टर की कुल संपत्ति करीब 68 लाख करोड़ रुपये हो गई है, जिसमें सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) निवेश करीब 25,000 करोड़ रुपये रहा.
नया संवत या हिंदू नववर्ष दिवाली के समय शुरू होता है. ऐसी मान्यता हैं कि मुहूर्त के दौरान किए गए सौदे आने वाले साल के लिए समृद्धि लाते हैं.
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, संवत 2080 में निफ्टी ने 25 प्रतिशत और निफ्टी 500 ने 30 प्रतिशत का रिटर्न दिया है.
हालांकि, अक्टूबर में शेयर बाजार में 6.2 प्रतिशत की गिरावट हुई है, जो कि 54 महीनों में पहली बार 5 प्रतिशत से ऊपर की गिरावट है. इसने बाजार की चिंता बढ़ा दी है.
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के ऊंचे मूल्यांकन और आय वृद्धि में गिरावट की चिंताओं को देखते हुए, एफआईआई की बिकवाली जारी रह सकती है, जिसका असर बेंचमार्क सूचकांकों पर पड़ सकता है. ऐसे परिदृश्य में निवेशकों को ऐसे शेयरों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जहां दूसरी तिमाही के नतीजे अच्छे रहे हैं और आय की संभावना अच्छी है.
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एबीएस/