मुंबई, 14 जून . भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ महीनों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है और वैश्विक फंड्स भी यहां निवेश कर रहे हैं, जो कि आने वाले समय में बढ़ने वाला है. ये बातें विश्लेषकों की ओर से कही गई.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के बेंचमार्क निफ्टी ने पिछले एक महीने में 6 प्रतिशत, छह महीने में 11.84 प्रतिशत, इस साल की शुरुआत से 7.65 प्रतिशत और बीते एक वर्ष में 25 प्रतिशत का रिटर्न दिया है.
मॉर्गन स्टेनली के एशिया और उभरते हुए बाजारों के मुख्य इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट जोनाथन गार्नर ने कहा कि जब चीन का बाजार तेजी से बढ़ रहा था, तब ग्लोबल फंड्स की ओर से दो या तीन चीनी ई-कॉमर्स इंटरनेट कंपनियों को पोर्टफोलियो में रखा जाता था. गार्नर ने मीडिया रिपोर्ट में बताया कि आज के समय में ग्लोबल फंड्स करीब दो से तीन भारतीय मेगा कैप कंपनियों को अपने पोर्टफोलियो में होल्ड कर रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि शिफ्ट की शुरुआत हो चुकी है और चीजें यहां से केवल बेहतर ही होने वाली है. गार्नर ने कहा कि चीन के बाद भारत सबसे बड़ा उभरता बाजार है. ग्लोबल निवेशकों की ओर से तरलता को देखा जा रहा है. ऐसे में भारत जैसा बाजार जहां रिटेल निवेशकों की भागीदारी बढ़ रही है. इसे दरकिनार नहीं किया जा सकता है.
भारत की रेटिंग पर फिच एशिया सॉवरेन रेटिंग्स के डायरेक्टर जेरेमी जूक ने कहा कि 2025-26 के बाद ‘डेट टू जीडीपी रेश्यो’ कम करने की भारत की राजकोषीय नीति, किसी भी प्रकार के सकारात्मक रेटिंग बदलाव को प्रभावित करेगी.
बता दें कि वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत ने राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 4.5 प्रतिशत रखा है, जो कि चालू वित्त वर्ष के लिए 5.1 प्रतिशत है.
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एबीएस/एबीएम