शहडोल, 16 जनवरी . मध्य प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए चल रही कोशिशों के क्रम में गुरुवार को शहडोल में सातवीं रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव आयोजित की गई. इस काॅन्क्लेव में 32 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए.
शहडोल में हुई रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने औद्योगिक क्षेत्र में निवेश करने वालों को सरकार की ओर से सुविधाएं दिए जाने का वादा किया. इस कॉन्क्लेव में कुल 32 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए. इनसे 30 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा. राज्य में इससे पहले छह काॅन्क्लेव हो चुकी है. प्रदेश की पहली आरआईसी उज्जैन में एक-दो मार्च को हुई, जिसमें एक लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए.
दूसरी आरआईसी 20 जुलाई 2024 को जबलपुर में हुई, जिसमें 22 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए. इसी क्रम में 28 अगस्त 2024 को ग्वालियर में तीसरी आरआईसी हुई, जिसमें 8 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए. चैथी आरआईसी सागर में 27 सितंबर 2024 को हुई, जिसमें 23 हजार 181 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए. पांचवी आरआईसी रीवा में 23 अक्टूबर 2024 को हुई, जिसमें 30 हजार 814 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए. प्रदेश की 6वीं आरआईसी नर्मदापुरम में 7 दिसंबर 2024 को हुई, जिसमें 31 हजार 800 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए.
मुख्यमंत्री यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में देश को आगे बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रत्येक स्तर पर गतिविधियां जारी हैं. राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने के लक्ष्य पर संकल्पित भाव के साथ कार्य किया जा रहा है. मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन, स्वास्थ्य, खनन, भारी उद्योग, लघु एवं मध्यम उद्योग सहित सभी सेक्टर में निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो रहे हैं. पिछली इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव में जो एमओयू हुए थे उन पर सभी आवश्यक कार्यवाही जारी है. इससे प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार के साथ ही युवाओं को रोजगार के भी पर्याप्त अवसर प्राप्त होंगे.
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एसएनपी/