नई दिल्ली, 20 दिसंबर . उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा शुक्रवार को कहा गया कि प्रोडक्ट-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम में 1.46 लाख करोड़ रुपये का निवेश हासिल करने से लेकर चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) की पहली तिमाही में एफडीआई प्रवाह में सालाना आधार पर 26 प्रतिशत की वृद्धि ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में अहम भूमिका निभाई है.
डीपीआईआईटी द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया कि देश में पीएलआई स्कीम के तहत 12.5 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन और 4 लाख करोड़ रुपये का निर्यात हुआ है.
इस स्कीम से 14 सेक्टरों में 1,300 विनिर्माण यूनिट्स 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थापित हुए हैं. इससे 9.5 लाख लोगों को रोजगार मिला है.
सरकारी विभाग द्वारा बताया गया कि इस वर्ष 28,602 करोड़ रुपये की लागत वाली 12 ग्रीनफील्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं शुरू की गईं, जिससे 1.5 लाख करोड़ रुपये की निवेश संभावनाएं खुलीं और राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास परियोजना के तहत 9.4 लाख संभावित नौकरियां पैदा हुईं.
विभाग ने बताया कि नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप ने इस साल 81 बैठकें कीं, जिसमें 213 परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया, जिनकी लागत 15.48 लाख करोड़ रुपये है. राज्यों द्वारा लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के उद्देश्य से 5,496 करोड़ रुपये की लागत वाली 200 से अधिक परियोजनाओं की सिफारिश की गई है.
बीते दशक में विनिर्माण क्षेत्र में एफडीआई इक्विटी प्रवाह में 69 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 2004-2014 में 98 अरब डॉलर से बढ़कर 2014-2024 में 165 अरब डॉलर हो गया है.
डीपीआईआईटी ने बताया कि लगभग 1.49 लाख स्टार्टअप्स ने 16 लाख प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा कीं और 48 प्रतिशत स्टार्टअप्स में अब कम से कम एक महिला निदेशक हैं, जबकि 50 प्रतिशत स्टार्टअप अब टियर 2 और 3 शहरों से हैं.
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एबीएस/