बेंगलुरू, 12 मार्च . कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने मंगलवार को कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि ब्यादगी एपीएमसी बाजार में प्रसिद्ध ब्यादगी मिर्च की फसल की कीमतें गिरने के बाद हावेरी में हिंसा किसने भड़काई.
उन्होंने कहा, “ब्यादगी बाजार में आंध्र प्रदेश से भी किसान आते हैं. किसानों द्वारा छह से सात वाहनों को आग लगा दी गई. हमें नहीं पता कि कीमतें अचानक क्यों गिर गईं. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कीमतों में अचानक गिरावट की जांच के लिए कहा है.”
परमेश्वर ने यह भी स्पष्ट किया कि हिंसा और आरोपी मोहम्मद शफी नाशीपुडी, जो कि बयादगी बाजार का एक प्रसिद्ध मिर्च व्यापारी है, के बीच कोई संबंध नहीं है. नाशीपुडी को विधानसभा में पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
उन्होंने आगे कहा, “कोई संबंध नहीं है. यह पता लगाना है कि इस हिंसा के पीछे कौन है. जांच प्रक्रिया मंगलवार से शुरू होगी.”
सोमवार को मिर्च की कीमतें 20,000 रुपये प्रति क्विंटल से गिरकर 8,000 रुपये पर आ गईं. जैसे ही कीमतें घोषित की गईं, गुस्साए किसानों ने एपीएमसी कार्यालय पर पथराव शुरू कर दिया और परिसर में खड़े वाहनों में आग लगा दी.
कुछ प्रदर्शनकारी कार्यालय के अंदर भी घुस गए और तोड़फोड़ की, फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया और खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए.
किसानों ने दावा किया कि ब्यादगी मिर्च जो पिछले सप्ताह 20,000 रुपये प्रति क्विंटल थी, वह घटकर 8,000 रुपये हो गई है, और सबसे अच्छी फसल की कीमत 12,000 रुपये है.
2022 में ब्यादगी मिर्च को 76,000 रुपये प्रति क्विंटल की बंपर कीमत मिली थी. ब्यादगी पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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एसएचके/