रांची, 30 जून . झारखंड में सिविल सेवा परीक्षा और उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में अनियमितता के आरोपों को लेकर राजभवन की ओर से जेपीएससी (झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन) के चेयरमैन को पत्र भेजा गया है.
यह पत्र झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रघुवर दास की ओर से राज्यपाल को दिए गए एक ज्ञापन के आलोक में भेजा गया है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने लगभग एक सप्ताह पूर्व झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से मुलाकात की थी. उन्होंने जेपीएससी की ओर से आयोजित संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा- 2023 के अभ्यर्थियों द्वारा अनियमितता की शिकायतों से राज्यपाल को अवगत कराया था.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि अभ्यर्थियों की शिकायतें बेहद गंभीर हैं. यह उनके भविष्य से जुड़ा मामला है. उन्होंने राज्यपाल से मांग की थी कि छात्रों के हित में शिकायतों की निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए.
रघुवर दास ने इस मामले को लेकर राजभवन की ओर से जेपीएससी को भेजे गए पत्र की प्रति सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर की. उन्होंने इस पहल के लिए राज्यपाल का आभार जताते हुए कहा कि इससे छात्रों को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है.
छात्रों की शिकायत है कि सिविल सेवा परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का डिजिटल मूल्यांकन कराया गया, जबकि इसका कोई प्रावधान नियमावली में नहीं है. मूल्यांकन में थर्ड पार्टी एजेंसी की सेवा ली गई, लेकिन यह थर्ड पार्टी एजेंसी कौन है और उसे यह काम किस टेंडर के आधार पर सौंपा गया, इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है.
छात्रों की यह भी शिकायत है कि नियमों के अनुसार उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन विश्वविद्यालयों से संबंधित कॉलेजों में 10 साल से अधिक अनुभव वाले शिक्षकों या पांच साल से अधिक अनुभव वाले पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री होल्डर शिक्षकों से कराया जाना चाहिए था, लेकिन उन्हें जानकारी मिली है कि मात्र दो साल अनुभव वाले गेस्ट फैकल्टी से उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कराई गई.
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एसएनसी/एबीएम