नई दिल्ली, 20 जून . वैश्विक स्तर पर योग अब एक जन आंदोलन बन चुका है. दस साल पहले 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता का इसमें काफी अहम योगदान रहा है. योग मूल रूप से एक भारतीय विधा है जो शारीरिक और मानसिक आरोग्य के साथ चेतना और आत्मा तक के स्वास्थ्य पर केंद्रित है. आज यह विधा संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से दुनिया के हर कोने में लोकप्रिय और अपरिहार्य बन चुकी है.
इस साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम ‘योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ’ (एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग) है जो पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के बीच गहरे संबंध को रेखांकित करती है. यह थीम योग के प्राचीन ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक प्रगति के साथ जोड़ती है, जो एकता, शांति और करुणा के सिद्धांतों को बढ़ावा देती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था. रिकॉर्ड समय में 177 देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन दिया, जो अपने आप में ही ऐतिहासिक था. प्रस्ताव को मंजूरी मिली और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित कर दिया गया. अपने प्रस्ताव में, यूएनजीए ने माना कि योग जीवन के सभी पहलुओं के बीच संतुलन बनाने के अलावा स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है.
भारत ने न केवल योग को जन्म दिया, बल्कि उसे आधुनिक विज्ञान के अनुरूप ढालकर दुनिया को इसका लाभ भी दिया. भारतीय दूतावासों द्वारा विदेशों में योग शिविर, वर्कशॉप और वेबिनार्स का आयोजन लगातार किया जा रहा है.
योग केवल व्यायाम नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की एक पद्धति है जो शारीरिक, मानसिक और आत्मिक संतुलन प्रदान करती है. पूरे विश्व में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निपटने में योग अब एक कारगर माध्यम बन गया है. अमेरिका, फ्रांस, जापान, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीकी देशों समेत लगभग सभी राष्ट्रों में योग शिविर लगाए जाते हैं.
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भी सन् 2015 से हर साल 21 जून को योग दिवस के अवसर पर विशेष आयोजन होता है. इसमें दुनिया भर के राजनयिक, विशेषज्ञ और नागरिक भाग लेते हैं. भारत की यह पहल अब सॉफ्ट पावर का अहम हिस्सा बन चुकी है. योग के माध्यम से भारत ने विश्व समुदाय को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित भी किया. तनाव, अवसाद, मोटापा, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी समस्याओं से निपटने में योग की उपयोगिता को चिकित्सा विज्ञान भी अब स्वीकार कर चुका है. कोविड काल के दौरान इम्युनिटी बढ़ाने और मानसिक संतुलन बनाए रखने में योग एक बड़ा सहारा साबित हुआ.
–
पीएसके/