नई दिल्ली, 14 नवंबर . भारत मंडपम में गुरुवार से शुरू हुए अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में ‘उत्तर प्रदेश मंडप’ योगी राज में सर्वांगीण विकास की कहानी बयां कर रहा है. ‘पार्टनर स्टेट’ के रूप में भाग ले रहे यूपी मंडप की थीम ‘विकसित प्रदेश-2047’ है, जो ‘विकसित भारत-2047’ की अवधारणा को साकार करेगा.
उत्तर प्रदेश के मंडप में 120 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश के उत्कृष्ट स्थानीय एवं पारंपरिक उत्पादों को प्रदर्शित किया जा रहा है. इनमें से बहुत से उत्पादों को भौगोलिक संकेत (जीआई टैग) प्राप्त है. इसके अतिरिक्त प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को भी मेले में स्थान दिया गया है, वहीं निर्यातकों को भी प्राथमिकता दी गई है. यूपी मंडप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत (वोकल फॉर लोकल) की अवधारणा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘विकसित यूपी-2047’ के विजन को साकार कर रहा है.
उत्तर प्रदेश मंडप में सूचना एवं पर्यटन विभाग के अतिरिक्त राज्य के स्वामित्व वाली इकाइयां (यूपीसीडा, नोएडा अथॉरिटी, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी एवं यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी) भी प्रतिभाग कर रही हैं. उत्तर प्रदेश मंडप के माध्यम से फूड प्रोसिंग, टेक्सटाइल, आईटी, लेदर, हस्तशिल्प मेटल, ओडीओपी निर्यातक इकाइयों के अलावा कई अन्य उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल रही है.
उत्तर प्रदेश पवेलियन में लगे विभिन्न जिलों के उत्पाद ग्राहकों को खूब लुभा रहे हैं, इनमें कन्नौज के इत्र से लेकर वाराणसी की सिल्क साड़ियां, लखनऊ की चिकनकारी, भदोही का कालीन, झांसी/बांदा की शजर स्टोन ज्वेलरी, बागपत के होम डेकोर, गौतमबुद्धनगर के वस्त्र उत्पाद, अलीगढ़/मुरादाबाद के मेटल आर्ट वेयर, आगरा का पेठा, सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल, हाथरस की हींग, संभल के हैंडीक्राफ्ट्स उत्पाद शामिल हैं.
उत्तर प्रदेश मंडप में एक वृहद ओडीओपी गैलरी का भी प्रदर्शन किया गया है, जिसमें जनपदों के ओडीओपी उत्पादों का आकर्षक एवं विहंगम प्रर्दशन किया गया है, जिनको देखने के लिए पहले ही दिन बड़ी संख्या में कारोबारी उमड़े.
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एसके/एबीएम