नई दिल्ली, 15 जून . उत्तराखंड के केदारनाथ क्षेत्र में रविवार सुबह एक दर्दनाक हेलीकॉप्टर हादसा हुआ, जिसमें आर्यन एविएशन का बेल 407 हेलीकॉप्टर (रजिस्ट्रेशन नंबर वीटी-बीकेए) दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हेलीकॉप्टर में पांच यात्री, एक बच्चा और चालक दल के एक सदस्य सवार थे.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से साझा की गई जानकारी के अनुसार, हेलीकॉप्टर ने सुबह 05:10 बजे गुप्तकाशी के आर्यन हेलीपैड से उड़ान भरी और 05:18 बजे श्री केदारनाथ जी हेलीपैड पर लैंड किया. इसके बाद हेलीकॉप्टर ने 05:19 बजे गुप्तकाशी के लिए दोबारा उड़ान भरी, लेकिन लगभग 05:30 से 05:45 के बीच गौरीकुंड के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
फिलहाल यह माना जा रहा है कि खराब मौसम और अत्यधिक बादल छाए रहने के बावजूद हेलीकॉप्टर ने उड़ान जारी रखी, जिससे यह ‘कंट्रोल्ड फ्लाइट इनटू टेरेन’ की स्थिति का शिकार हो गया. हालांकि, हादसे के असली कारणों की पुष्टि विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की विस्तृत जांच के बाद ही हो पाएगी.
हादसे की सूचना मिलते ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंची और राहत-बचाव कार्य शुरू कर दिया. दुर्गम पहाड़ी इलाका और खराब मौसम राहत कार्य में चुनौतियां खड़ी कर रहे हैं, लेकिन सभी संबंधित एजेंसियां समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं.
घटना की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुबह 11 बजे एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें नागरिक उड्डयन सचिव, डीजीसीए के अधिकारी और अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए.
बैठक के बाद कई फैसले लिए गए हैं. इनमें सबसे पहले, आर्यन एविएशन की चारधाम यात्रा के तहत सभी उड़ानों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. इसके अलावा, ट्रांसभारत एविएशन की दो हेलीकॉप्टर उड़ानों (वीटी-टीबीसी और वीटी-टीबीएफ), जो प्रतिकूल मौसम में उड़ान भर चुकी थीं, के पायलटों के लाइसेंस को छह महीने के लिए निलंबित किया गया है. साथ ही, केदारनाथ क्षेत्र में 15 और 16 जून को सभी चार्टर व शटल हेलीकॉप्टर उड़ानों को एहतियातन स्थगित कर दिया गया है.
इन सबके अलावा, उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूसीएडीए) को निर्देश दिया गया है कि वह सभी ऑपरेटरों और पायलटों के साथ बैठक आयोजित कर उड़ानों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल की पूर्ण समीक्षा करे. यूसीएडीए को एक कमांड एंड कंट्रोल रूम स्थापित करने को कहा गया है, जो रीयल-टाइम संचालन की निगरानी करेगा और किसी भी खतरे की स्थिति में तत्काल कार्रवाई करेगा. अंत में, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने डीजीसीए को निर्देशित किया है कि वह सुरक्षा, उड़ान और ऑपरेशन्स से जुड़े अधिकारियों को केदारनाथ घाटी में तैनात करे ताकि उड़ानों की नियमित निगरानी सुनिश्चित हो सके.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि विमानन सुरक्षा किसी भी स्थिति में समझौते योग्य नहीं है. सभी ऑपरेटरों को निर्देश दिया गया है कि वे मौसम संबंधी और अन्य सभी सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करें. मंत्रालय ने डीजीसीए को निर्देश दिया है कि वह सभी नियमों का पूर्ण पालन सुनिश्चित करें और किसी भी लापरवाही पर सख्त कार्रवाई करें.
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पीएसके/एएस