New Delhi, 3 सितंबर . भारतीय नौसेना का स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस त्रिकंड 1 सितंबर को अपने भूमध्यसागर तैनाती के दौरान मिस्र के अलेक्ज़ेंड्रिया बंदरगाह पर पहुंचा. यहां वह 1 से 10 सितंबर तक आयोजित होने वाले बहुपक्षीय ‘ब्राइट स्टार 2025’ रक्षा अभ्यास में भाग लेगा.
इस विशाल सैन्य अभ्यास में भारतीय नौसेना के साथ-साथ भारतीय थल सेना और वायु सेना की टुकड़ियां भी हिस्सा लेंगी. अमेरिकी सेंट्रल कमांड की अगुवाई में होने वाला यह अभ्यास वायु, थल और समुद्री तीनों क्षेत्रों में क्षेत्रीय सुरक्षा और सहयोग को मजबूत करने के साथ-साथ हाइब्रिड खतरों और अनियमित युद्धक परिदृश्यों में अंतर-कार्यक्षमता (इंटरऑपरेबिलिटी) बढ़ाने पर केंद्रित है.
अमेरिका, मिस्र और भारत के अलावा इसमें सऊदी अरब, कतर, ग्रीस, साइप्रस और इटली की सेनाएं भी शामिल होंगी.
अलेक्ज़ेंड्रिया में ठहराव के दौरान आईएनएस त्रिकंड वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श, जहाजों के बीच दौरे (क्रॉस-डेक विजिट), सांस्कृतिक कार्यक्रम और खेल प्रतियोगिताओं जैसी कई गतिविधियों में हिस्सा लेगा. इन गतिविधियों का उद्देश्य द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को और मजबूत करना है.
आईएनएस त्रिकंड की इस क्षेत्रीय तैनाती का एक प्रमुख लक्ष्य है भूमध्यसागर में भागीदार नौसैनिक देशों के साथ पेशेवर जुड़ाव के जरिए साझा अभ्यास और बेहतरीन कार्यप्रणालियों का आदान-प्रदान करना, ताकि परंपरागत और अपारंपरिक समुद्री खतरों से निपटने में बेहतर तालमेल स्थापित किया जा सके.
पिछले कुछ वर्षों में भारतीय नौसेना ने इस क्षेत्र में अपनी भागीदारी बढ़ाई है. दिसंबर 2024 में आईएनएस तुशील ने मोरक्को के कासाब्लांका बंदरगाह पर पहुंचकर भारत-मोरक्को के बीच द्विपक्षीय नौसैनिक सहयोग को मजबूत किया था. वहीं, अगस्त 2024 में आईएनएस तबर ने स्पेन के मलागा बंदरगाह का दौरा किया और स्पेनिश नौसेना के जहाज ‘अतालाया’ के साथ मैरिटाइम पार्टनरशिप एक्सरसाइज (एमपीएक्स) आयोजित की थी.
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डीएससी/