नई दिल्ली, 22 मार्च . इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन ने कहा कि ‘स्टार्टअप’ इनोवेशन और आर्थिक विकास के इंजन हैं. स्टार्टअप की वास्तविक दुनिया की चुनौतियों को हल करने की प्रतिबद्धता भारत के भविष्य को आकार दे रही है.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) द्वारा फंडेड लगभग 44 प्रतिशत स्टार्टअप में महिला उद्यमी हैं, जिनमें से कई टियर 2 और 3 शहरों से आती हैं.
एसटीपीआई के महानिदेशक अरविंद कुमार के अनुसार, आईटी मंत्रालय की नेक्स्ट जेनरेशन इनक्यूबेशन स्कीम (एनजीआईएस) के तहत, एसटीपीआई ने 685 स्टार्टअप को सपोर्ट किया है, 136 स्टार्टअप को सीड फंडिंग उपलब्ध करवाई है और 7,000 से अधिक नौकरियां पैदा की हैं.
राष्ट्रीय राजधानी में ‘एसटीपीआई संगम’ कार्यक्रम में एस. कृष्णन ने भारत के आर्थिक भविष्य को आकार देने में स्टार्टअप की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया.
कृष्णन ने कहा, “एनजीआईएस जैसी पहलों और एसटीपीआई संगम जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से, हम न केवल स्टार्टअप को सपोर्ट कर रहे हैं, बल्कि एक ऐसा इकोसिस्टम बना रहे हैं, जहां विचार प्रभावशाली व्यवसायों में बदल जाते हैं. सरकार इस परिदृश्य की फंडिंग, उद्यमियों को स्केल करने, इनोवेशन और भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.”
कार्यक्रम में एसजीपीजीआईएमएस लखनऊ, एसटीपीआई, एआईएमईडी और एएमटीजेड के सहयोग से एसटीपीआई मेडटेक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई), लखनऊ के ‘ओपन चैलेंज प्रोग्राम (ओसीपी) 6.0’ का शुभारंभ भी किया गया.
यह पहल हेल्थ-टेक स्टार्टअप को सशक्त बनाने के लिए डिजाइन की गई है, जिससे उन्हें मेडिकल इक्विपमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स और हेल्थ इंफोर्मेटिक्स में वास्तविक दुनिया की चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी.
कुमार ने कहा, “हर स्टार्टअप, चाहे वह महानगरों से हो या छोटे शहरों से, बढ़ने के लिए एक मंच के हकदार हैं. उनकी आकांक्षाओं को पोषित करना और उन्हें आवश्यक संसाधन प्रदान करना हमारी जिम्मेदारी है. हम आज केवल स्टार्टअप की सफलता की कहानियों का सम्मान नहीं कर रहे हैं, हम यह भी सोच रहे हैं कि कैसे सुधार कर सकते हैं, अपनी नीतियों को बेहतर बना सकते हैं, अपने आउटरीच का विस्तार कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारा स्टार्टअप इकोसिस्टम अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच सके.”
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संयुक्त सचिव केके. सिंह ने भी एक मजबूत इनोवेशन इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि स्टार्टअप विकास में तेजी लाकर, भारत नए अवसरों को पैदा कर सकता है, रोजगार पैदा कर सकता है और आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल कर सकता है.
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एसकेटी/एबीएम