पटना, 16 अगस्त . कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने मतदाता सूची में हो रहे विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर भाजपा और बिहार के Chief Minister नीतीश कुमार पर निशाना साधा.
उन्होंने कहा कि एसआईआर के जरिए मतदाताओं के साथ अन्याय होता रहा, लेकिन भाजपा और Chief Minister नीतीश कुमार चुप रहे. उन्होंने यहां एक प्रेस वार्ता में कहा कि बिहार में 17 अगस्त से कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा की शुरुआत सासाराम भूमि से होगी. लगभग 16 दिन की यह 1300 किलोमीटर लंबी यात्रा है. यह यात्रा करीब 25 जिलों में पहुंचेगी.
उन्होंने कहा कि इस यात्रा में बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, लेफ्ट के नेता और वीआईपी के नेता भी शामिल रहेंगे. उन्होंने आगे कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया शुरू होने की सूचना के बाद ही इंडिया ब्लॉक के नेता चुनाव आयोग से मिलने गए. उस समय कहा गया था कि 20 प्रतिशत मतदाताओं के नाम कटेंगे. एसआईआर को लेकर सभी पार्टियों की प्रतिक्रिया आई, मगर भाजपा और जदयू की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. उन्होंने कहा कि इसका मतलब साफ है कि वे लोग पीछे से सपोर्ट कर रहे थे.
उन्होंने यह भी कहा कि Lok Sabha में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हुई, मगर एसआईआर पर सरकार ने चर्चा करना जरूरी नहीं समझा. भारतीय जनता पार्टी और नीतीश कुमार एसआईआर पर मौन धारण किए हुए हैं. उन्होंने कहा कि एसआईआर में बिहार के मतदाताओं के साथ अन्याय होता रहा. एक-एक घर में विभिन्न जातियों के लोगों को दिखाया गया. इस कारण कांग्रेस ने इस यात्रा को जरूरी समझा. राहुल गांधी इस लड़ाई के लिए आगे आएं. इस यात्रा के अलावा कोई रास्ता नहीं था.
कांग्रेस नेता ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के एक बयान की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि संविधान अच्छा तब ही हो सकता है जब चुनाव कराने वाले इलेक्शन कमीशन मूर्ख और धूर्त न हों. इस बात को कहे 75 साल हो गए. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी संविधान की लड़ाई लड़ रहे हैं. इस लड़ाई को कोई नहीं लड़ सकता था. राहुल गांधी के मन में देश के गरीब, महिलाओं, दलितों, और किसानों के प्रति आस्था है, इसलिए उन्होंने इस यात्रा की कमान संभाली. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि नीतीश कुमार की सरकार के प्रति बिहार के सभी लोगों के मन में गुस्सा है. इसका असर इस चुनाव में दिखेगा और महागठबंधन की सरकार बनेगी.
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एमएनपी/एएस