नई दिल्ली, 21 दिसंबर . भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने शनिवार को से खास बातचीत में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की. मनोज तिवारी ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा ईडी को केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के निर्णय का स्वागत किया और साथ ही राहुल गांधी द्वारा संसद परिसर में भाजपा सांसदों को धक्का देने की घटना की भी आलोचना की.
मनोज तिवारी ने एलजी वीके सक्सेना द्वारा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ईडी को मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने पर खुशी जताई. उन्होंने कहा कि केजरीवाल पर ईडी द्वारा केस चलाया जाना एक स्वागत योग्य कदम है. चाहे व्यक्ति किसी भी बड़े पद पर हो, अगर वह जुर्म करता है तो उसे सजा मिलनी चाहिए. ईडी को केस चलाने की इजाजत मिल गई. हमें पूरा भरोसा है कि शराब घोटाले में दिल्ली के गरीबों का पैसा लूटा गया है. इस मामले में केजरीवाल को दोषी पाया जाएगा और उनको सजा भी मिलेगी.
उन्होंने आगे कहा कि केजरीवाल शराब घोटाले के जिम्मेदार हैं. भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी और आरोपी चाहे कितना भी ताकतवर हो, उसे सजा जरूर मिलेगी.
इसके अलावा, मनोज तिवारी ने सांसद परिसर में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर भाजपा सांसदों को धक्का देने के मामले में भी कड़ी टिप्पणी की. मनोज तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी ने लोकतंत्र की मर्यादा को तार-तार किया है. उन्होंने एक बुजुर्ग सांसद को धक्का देकर गिराया. देश की जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी. राहुल गांधी का व्यवहार उस दिन एक गली के मवाली जैसा था और इसे लोकतंत्र में कहीं से भी स्वीकार नहीं किया जा सकता.
राहुल गांधी के आचरण को असंवैधानिक और असंस्कारिक बताते हुए तिवारी ने कहा कि इस पर कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी और उन्हें सजा दिलाई जाएगी. तिवारी ने आगे कहा कि राहुल गांधी पर एक महिला सांसद के साथ अभद्रता करने का आरोप भी है. यह घटना संसद में हुई थी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र की एक महिला सांसद ने इस पर अपनी पीड़ा व्यक्त की थी.
कांग्रेस के रवैये पर सवाल उठाते हुए मनोज तिवारी ने आगे कहा कि नेहरू जी ने बाबा साहेब अंबेडकर को मंत्रिमंडल से बाहर करने की बात की थी. जब तक कांग्रेस की सरकार थी, तब तक बाबासाहेब अंबेडकर को भारत रत्न नहीं दिया गया. उनकी जयंती पर समर्पित स्मारक बनवाने की बात भी कांग्रेस ने नहीं मानी, और अब यह काम पीएम मोदी ने किया. कांग्रेस का रवैया हमेशा बाबासाहेब को नजरअंदाज करने का रहा है.
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पीएसके/एएस