New Delhi, 31 अगस्त . वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून अवधि) में अर्थव्यवस्था का 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ना सभी के लिए उत्साहजनक है. इससे अमेरिकी टैरिफ के कारण जो अनिश्चितता बढ़ी है उसमें कमी आएगी. यह बयान इंडस्ट्री की ओर से दिया गया.
समाचार एजेंसी के बातचीत करते हुए, लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा ने कहा कि वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत पर रहना अच्छी खबर है. मौजूदा समय में हमारी अर्थव्यवस्था 4.1 ट्रिलियन डॉलर है और आने वाले दो वर्षों में यह 5 ट्रिलियन डॉलर को पार कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी जीडीपी बन जाएगी, जिसमें इस वृद्धि दर की अहम भूमिका होगी.
उन्होंने आगे कहा कि अर्थव्यवस्था का तेजी से बढ़ना अचानक नहीं है, बल्कि इसके पीछे Government और उद्योगों का प्रयास और योजना है, जिससे देश को 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनाया जा सके.
लघु उद्योग भारती के प्रदेश उपाध्यक्ष महावीर चोपड़ा ने कहा कि जीडीपी की ग्रोथ रेट का 7.8 प्रतिशत पर आना सभी के लिए उत्साहजनक है. इससे अमेरिकी टैरिफ के कारण जो अनिश्चितता बढ़ी है उसमें कमी आएगी.
उन्होंने आगे कहा कि Government के द्वारा पूंजीगत खर्च में बढ़ोतरी करने, आरबीआई द्वारा ब्याज दरों को घटाने और अच्छा मानसून रहने के कारण कृषि से जुड़ी गतिविधियां मजबूत रहने की वजह से आने वाली तिमाही में भी अर्थव्यवस्था की रफ्तार ऐसे ही बनी रह सकती है.
एनएसओ के द्वारा जारी किए गए डेटा के मुताबिक, अप्रैल-जून अवधि में देश की रियल जीडीपी 47.89 लाख करोड़ रुपए रही है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 44.42 लाख करोड़ रुपए थी.
वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में कृषि और उससे जुड़े हुए क्षेत्रों की रियल जीवीए ग्रोथ 3.7 प्रतिशत रही है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1.5 प्रतिशत थी.
द्वितीय क्षेत्र की विकास दर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 7.5 प्रतिशत रही है. इसमें मैन्युफैक्चरिंग की विकास दर 7.7 प्रतिशत और कंस्ट्रक्शन की विकास दर 7.6 प्रतिशत रही है.
तृतीय क्षेत्र, जिसमें सर्विसेज को शामिल किया जाता है, की विकास दर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 9.3 प्रतिशत रही है.
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एबीएस/