उद्योग जगत ने ईवी इन्फ्रा को बढ़ावा देने के लिए फेम II योजना के विस्तार की सराहना की

नई दिल्ली, 12 फरवरी . उद्योग जगत के खिलाड़ियों ने सोमवार को फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम) इंडिया फेज II की योजना के परिव्यय को बढ़ाने के सरकार के कदम की सराहना करते हुए कहा कि इससे बुनियादी ढांचे में वृद्धि होगी, इलेक्ट्रिक वाहनों को देशभर में व्यापक रूप से अपनाने और लंबे समय तक चलने को बढ़ावा मिलेगा.

भारी उद्योग मंत्रालय ने घोषणा की कि देश में स्वच्छ गतिशीलता को और बढ़ावा देने के लिए फेम इंडिया योजना चरण II के तहत फेम इंडिया चरण II की योजना का परिव्यय 10,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 11,500 करोड़ रुपये कर दिया गया है.

मंत्रालय ने यह भी कहा कि यह एक “फंड और टर्म लिमिटेड योजना” है, जिसका अर्थ है कि मांग प्रोत्साहन के लिए सब्सिडी 31 मार्च, 2024 तक बेचे जाने वाले ई-दोपहिया, ई-तिपहिया और ई-चार पहिया वाहनों के लिए मान्‍य होगी.

ईवी बैटरी निर्माता एरेन्क के सीईओ वी.जी. अनिल ने कहा, “हम फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण के परिव्यय को बढ़ाकर 11,500 करोड़ रुपये करने के सरकार के फैसले की सराहना करते हैं. निवेश में यह समय पर बढ़ोतरी ईवी उद्योग के लिए एक बड़ा झटका है, जो इसके विकास पथ को तेज कर रहा है और एक स्वच्छ, अधिक टिकाऊ भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रहा है.“

योजना का मुख्य उद्देश्य ईवी की खरीद पर अग्रिम प्रोत्साहन की पेशकश और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आवश्यक चार्जिंग बुनियादी ढांचे की स्थापना के माध्यम से इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को तेजी से अपनाने को प्रोत्साहित करना है.

“यह 1,500 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन एक स्पष्ट संदेश भेजता है: भारत अपने गतिशीलता परिदृश्य को विद्युतीकृत करने के बारे में गंभीर है. स्नैप ई कैब्स के संस्थापक और सीईओ मयंक बिंदल ने को बताया, ईवी के लिए कम अग्रिम लागत, उन्नत चार्जिंग बुनियादी ढांचे के साथ, सवारों को पर्यावरण-अनुकूल यात्रा चुनने के लिए प्रोत्साहित करेगी, जिससे शून्य-उत्सर्जन वाले भविष्य में संक्रमण में तेजी आएगी.“

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में चल रहे ईवी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या 12,146 (इस साल 2 फरवरी तक) हो गई है.

इलेक्ट्रिकपे के सह-संस्थापक अविनाश शर्मा ने कहा, “1,500 करोड़ के पर्याप्त परिव्यय के साथ फेम II का मार्च के अंत तक विस्तार एक सकारात्मक कदम है.”

शर्मा ने कहा, “यह न केवल उपभोक्ता-पक्ष की सब्सिडी को मजबूत करता है, बल्कि बुनियादी ढांचे को भी बढ़ाता है और देशभर में इलेक्ट्रिक वाहनों को व्यापक रूप से अपनाने और लंबे समय तक चलने को बढ़ावा देता है.”

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