यूपी में 1.14 लाख करोड़ से अधिक की परियोजनाओं में वाणिज्यिक संचालन शुरू : औद्योगिक विकास मंत्री नंदी

लखनऊ, 1 अगस्त . उत्तर प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान गुरुवार को औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी ने विपक्षी सदस्य के सवाल के जवाब में बताया कि इस साल फरवरी में आयोजित ‘ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0’ (जीबीसी 4.0) में परियोजनाओं के शुभारंभ के पांच माह के अंदर प्रदेश में 1.14 लाख करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट्स का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो गया है.

उन्होंने बताया कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में कुल 14,701 परियोजनाओं में 10.81 लाख करोड़ रुपए के निवेश धरातल पर उतारने की कार्रवाई की गई थी. इसमें 34 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होने की संभावना है. जीबीसी 4.0 में शुभारंभ के बाद से अब तक 3,984 परियोजनाओं का वाणिज्यिक संचालन प्रारंभ हो चुका है, जिसमें कुल 1 लाख 14 हजार 345 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है.

उन्होंने कहा कि निवेश एक सतत प्रक्रिया है. सीएम योगी के नेतृत्व में जो लॉ एंड ऑर्डर की व्यवस्था में सुधार हुआ है, उसके चलते देश और विदेश के बड़े निवेशक उत्तर प्रदेश में अपनी इंडस्ट्री लगाने के लिए लालायित हैं. प्रदेश के इंडस्ट्रियल ग्रोथ रेट के साथ ही सैमसंग की यूनिट के यूपी से कर्नाटक शिफ्ट होने के सवाल के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने जवाब दिया.

उन्होंने बताया कि हमारा इंडस्ट्रियल ग्रोथ रेट 22.09 है, जो भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन की रिपोर्ट के आधार पर निर्धारित किया गया है. यह प्रदेश की बेहतर फाइनेंशियल प्रोग्रेस को प्रदर्शित करता है. वहीं, सैमसंग की इंडस्ट्री के विषय में जो सवाल पूछा गया है, ऐसा लगता है कि सदस्य को इसके बारे में सही जानकारी नहीं है. जब भी कोई कंपनी निवेश करती है तो उसके डायरेक्टर्स के बीच में रिजॉल्यूशन तय किया जाता है. यहां पर सैमसंग की मोबाइल डिस्प्ले लगाने की जो इंडस्ट्री लगी थी, वो आज भी फंक्शनल है और बड़े पैमाने पर उसमें प्रोडक्शन चालू है.

उन्होंने आगे बताया कि यूनिट लगाते समय कंपनी के साथ जो भी कमिटमेंट किया गया था और जिस बात के लिए उनसे सहमति हुई थी, उसका इंसेंटिव प्रदान किया जा रहा है. जितना भी जीएसटी का मामला था, वो निस्तारित हो गया है. कंपनी उत्तर प्रदेश छोड़कर नहीं गई है. बाकी, कहां निवेश करना है, कहां निवेश का विस्तार करना है, ये कंपनी अपने व्यापार के अनुकूल तय करती है.

प्रदेश में प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक से संबंधित एक सवाल के जवाब में औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी ने सदन में बताया कि पूरे प्रदेश में विगत 6 माह में 3.5 लाग किलोग्राम सिंगल यूज प्लास्टिक को रद्द किया गया है. वहीं, प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक का निर्माण व बिक्री करने वालों से 2.27 करोड़ रुपए का जुर्माना भी वसूला गया है.

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रदेश में पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है. वर्तमान में ऐसी कोई औद्योगिक यूनिट प्रदेश में नहीं है जो प्रतिबंधित प्लास्टिक का निर्माण या बिक्री कर रही हो. इसके लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं जिला प्रशासन के अधिकारी निरंतर छापेमारी भी कर रहे हैं. यदि किसी सदस्य द्वारा इस तरह की यूनिट के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है तो उस पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी.

विकेटी/एबीएम