परमाणु मुक्त कोरियाई प्रायद्वीप से हिंद-प्रशांत को फायदा : दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति

सिंगापुर, 9 अक्टूबर . दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के बीच हमेशा चलने वाली तकरार के बीच दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने बुधवार को कहा कि एकीकृत, परमाणु मुक्त कोरियाई प्रायद्वीप हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता में योगदान देगा.

समाचार एजेंसी योनहाप के मुताबिक, यून ने सिंगापुर में एक सभा को संबोधित करते हुए उदार लोकतंत्र पर आधारित उत्तर कोरिया के साथ एकीकरण के अपने दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया. उन्होंने अपने एकीकरण सिद्धांत के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने का प्रयास किया. इस सिद्धांत को पहली बार वह इसी साल अगस्त के महीने में सामने ले आए थे.

दक्षिण पूर्व एशिया की एक अध्ययन संस्थान द्वारा आयोजित सिंगापुर व्याख्यान कार्यक्रम के दौरान यून ने कहा, “यदि मेरा यह सिद्धांत साकार हो गया तो एक एकीकृत कोरियाई प्रायद्वीप का स्वतंत्र, खुला होना एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी, जो स्वतंत्रता के मूल्य को काफी हद तक बढ़ाएगा.”

बता दें कि अपनी प्रतिबद्धता के तहत दक्षिण कोरियाई सरकार भारत-प्रशांत देशों में लोकतंत्र को बढ़ावा देने वाली विकास सहयोग परियोजनाओं के लिए अगले तीन वर्षों में 100 मिलियन डॉलर का वित्तपोषण देने की योजना बना रही है.

इस प्रोग्राम में उन्होंने यह भी कहा कि एकीकृत, परमाणु मुक्त कोरियाई प्रायद्वीप वैश्विक शांति प्रयासों को बढ़ावा देगा. साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अवैध तस्करी की मांग को कम करके समुद्री नौवहन की सुरक्षा में सुधार करेगा.

इसके बाद उन्होंने उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की परमाणु धमकियों पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “उत्तर कोरिया की परमाणु धमकियों की अनुपस्थिति से अंतर्राष्ट्रीय परमाणु अप्रसार व्यवस्था मजबूत होगी, जिससे क्षेत्र के भीतर और बाहर देशों के बीच शांति और विश्वास का निर्माण करने के प्रयासों को काफी बढ़ावा मिलेगा.”

साथ ही इस व्याख्यान कार्यक्रम में उन्होंने अपने देश द्वारा अवैध मछली पकड़ने से निपटने के लिए रियल टाइट सर्विलांस क्षमताओं को बढ़ाकर तथा समुद्री निगरानी और सूचना साझा करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी को मजबूत करके क्षेत्र के द्वीपीय देशों को समर्थन देने का भी वादा किया.

इसके बाद उन्होंने खुले कारोबारी माहौल को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया तथा क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी और हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे सहित बहुपक्षीय मुक्त व्यापार ढांचे को पुनर्जीवित करने पर भी अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.

कार्यक्रम में उन्होंने आशा व्यक्त की कि उनके विजन से एकीकृत कोरिया हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक विकास के लिए “मजबूत गति” प्रदान करेगा. उन्होंने दक्षिण-पूर्व एशिया के आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए डिजिटल विकास, शिक्षा, जलवायु प्रतिक्रिया, स्मार्ट शहरों और परिवहन के बुनियादी ढांचे में अपनी आधिकारिक विकास सहायता को बढ़ाने का वादा भी किया.

इस पर उन्होंने कहा, “एक खुला कोरियाई प्रायद्वीप प्रशांत, कोरियाई प्रायद्वीप और यूरेशियाई महाद्वीप को जोड़ने वाली कड़ी के रूप में काम करेगा, इससे एक विशाल बाजार खुलेगा.”

उन्होंने ऊर्जा, लॉजिस्टिक्स, परिवहन, बुनियादी ढांचे और पर्यटन क्षेत्रों में निवेश और सहयोग की मांग में संभावित वृद्धि की उम्मीद जताई.

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