आरएसएस पर प्रतिबंध लगाकर इंदिरा गांधी ने अपना हश्र देख लिया था, ये भी देखेंगे : गिरिराज सिंह

पटना, 1 जुलाई . कर्नाटक में मंत्री प्रियांक खड़गे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने का बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र में हमारी सरकार बनती है, तो हम आरएसएस पर पाबंदी लगा देंगे.

इस बयान को लेकर केंद्रीय मंत्री और भाजपा के नेता गिरिराज सिंह ने मंगलवार को पलटवार करते हुए कहा कि कभी इंदिरा गांधी ने भी बैन किया था. उन्होंने अपना हश्र देखा था. ये भी ऐसा कर अपना हश्र देख लेंगे.

पटना में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, “आरएसएस दुनिया में ऐसा संगठन है जो लोगों के हित के लिए काम करता है. 1971 के युद्ध में आरएसएस ने लोगों की मदद की थी. जब बाढ़ आती है या आपदा की स्थिति होती है तो आरएसएस के लोग सहयोग करते हैं.”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें नहीं पता होगा कि आरएसएस क्या है. उन्होंने बुधवार को होने वाली भाजपा कार्यसमिति की बैठक को लेकर कहा कि कार्यसमिति की बैठक होने वाली है, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल होंगे और कार्यसमिति को संबोधित भी करेंगे.

तेजस्वी यादव के ‘लोकतंत्र की जननी बिहार से ही लोकतंत्र को समाप्त करने की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं’ के बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि राजद अध्यक्ष लालू यादव ने तो लोकतंत्र का गला अपनी ही पार्टी में घोंट दिया है. लालू यादव ने तो लोकतंत्र में परिवारवाद को बढ़ावा दिया. उन्होंने कभी लोकतंत्र को नहीं स्वीकारा.

पटना साहिब के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रियांक खड़गे के बयान पर कहा, “इंदिरा गांधी ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था तो चुनाव हार गईं. आज संघ दुनिया का इतना बड़ा संगठन है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पुत्र पर हम क्या कमेंट करें?”

राजद नेता तेजस्वी यादव के ‘लोकतंत्र की हत्या’ वाले बयान पर उन्होंने कहा कि लालू यादव के राज में बूथ कैप्चर, मर्डर यही चुनाव था, आज बदलाव हुआ है. अब उनको वोट नहीं मिलता तो परेशान हैं. वोटर लिस्ट में ईमानदारी क्यों नहीं होनी चाहिए? इसमें परेशानी क्या है? वक्फ संशोधन कानून को कूड़ेदान में फेंकने वाले तेजस्वी यादव के बयान को निंदनीय बताते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि संसद से कानून पास हुआ है और सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई हो रही है. न्यायालय ने कोई स्टे नहीं दिया और आप कहते हैं उखाड़ के फेंक देंगे?

एमएनपी/डीएससी/एबीएम