नई दिल्ली, 11 मार्च . भारत का वेयरहाउसिंग सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है और कंपनियां सुरक्षा और दक्षता बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और ऑटोमेशन को तेजी से अपना रही हैं. यह जानकारी एक नई रिपोर्ट में मंगलवार को दी गई.
जेबरा टेक्नोलॉजीज की रिपोर्ट के मुताबिक, एशिया-प्रशांत (एपीएसी) क्षेत्र और भारत सहित वैश्विक स्तर पर 63 प्रतिशत वेयरहाउस लीडर्स अगले पांच वर्षों में एआई आधारित सॉफ्टवेयर को लागू करने की योजना बना रहे हैं.
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि भारत सहित एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लगभग 65 प्रतिशत वेयरहाउस संचालक इसी अवधि के दौरान ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) को अपनाने की योजना पर भी काम कर रहे हैं.
रिपोर्ट में बताया गया कि वैश्विक स्तर पर 64 प्रतिशत वेयरहाउस ऑपरेटर और भारत सहित एपीएसी में 63 प्रतिशत ऑपरेटर अगले पांच वर्षों में वेयरहाउस को आधुनिक बनाने के लिए निवेश को बढ़ाने जा रहे हैं.
रिसर्च फर्म इंटरैक्ट एनालिसिस के अनुसार, ग्लोबल वेयरहाउस स्पेस 27 प्रतिशत बढ़कर 2030 तक 42 बिलियन वर्ग फीट तक पहुंच जाएगा, जो 2023 में 33 बिलियन वर्ग फीट है.
अगले दशक में वेयरहाउस लेबर की लागत 7 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ने की उम्मीद है.
कंपनियां भी ऑटोमेशन को तेजी से बढ़ाने पर जोर दे रही हैं. स्टडी में बताया गया कि वैश्विक स्तर पर वेयरहाउस से जुड़ी 85 प्रतिशत कंपनियों (भारत और एपीएसी में 88 प्रतिशत) का मानना है कि जो कंपनियां टेक्नोलॉजी में निवेश करने में पीछे रह जाएंगी. वह अपने बिजनेस गोल को नहीं प्राप्त कर पाएंगी.
भारत की वेयरहाउसिंग इंडस्ट्री लगातार तेजी से बड़ी हो रही है. इस कारण उत्पादकता बढ़ाने, सुरक्षा में सुधार लाने और कारोबारों को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने में एआई और ऑटोमेशन की महत्वपूर्ण भूमिका होने की उम्मीद है.
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एबीएस/